मृग संरक्षण के नाम पर जिले में हो रहा लाखों का घोटाला,नहीं रुक रहे मौत के आंकड़े
डिंडोरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। जिले के डिंडोरी जनपद अंतर्गत डिंडोरी-अमरकंटक मुख्य मार्ग से लगे हुए कारोपानी क्षेत्र को मृग संरक्षण क्षेत्र घोषित किया गया है,जहां हिरणों के संरक्षण के लिए हर साल लाखों करोड़ों रुपए के बजट तैयार कर कागजों में खर्च किए जा रहे हैं। आरोप है कि सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर हर साल लाखों-करोड़ों रुपए खर्च के बाद भी हिरणों को संरक्षित करने के क्षेत्र मैं काम नहीं हो रहे, बल्कि संरक्षित क्षेत्र से मौतों के आंकड़े बढ़ रहे हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि विभाग के जिम्मेदार अधिकारी हिरणों को संरक्षित करने के लिए चारा, पानी सहित हिरणों के लिए संतुलित आहार उपलब्ध करवाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे, जिससे लगातार हिरणों की मौतों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं। ताजा मामला पिछले दिनों सामने आया जहां एक नर हिरण भोजन पानी की तलाश में रहवासी इलाकों की ओर घुस गया, जहां आवारा कुत्तों के द्वारा नोच नोच कर हिरण को मार डाला गया।
– पिछले दशक में दिखा करते थे, क्षेत्र में हिरणों की झुंड।
गौरतलब है कि लगभग एक दशक पहले ही एक जमाना हुआ करता था कि जब क्षेत्र में हिरणों के कई झुंड दिखाई दिया करते थे, लेकिन अब समय गुजरने के साथ साथ हिरण की प्रजातियां क्षेत्र से लगातार कम होती जा रही है। आरोप है कि शासन प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा मृगों को संरक्षित करने के लिए आसपास हिरणों की सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे।बताया गया कि कुछ साल पहले लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके क्षेत्र में हिरणों के लिए पानी की समुचित व्यवस्था कराने बांध का निर्माण कार्य करवाया गया था,लेकिन बनाए गए बांधना में बूंद भर पानी नहीं ठहर पाता, जिससे हिरण पानी की तलाश में इधर-उधर रहवासी इलाकों में की ओर रुख करते हैं, जिससे हिरण कई प्रकार के दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था ना होने के कारण क्षेत्र से लगातार हिरणों के मौत होने के मामले सामने आ रहे हैं, बावजूद जिम्मेदारों द्वारा लगातार हो रही हिरणों की मौतों के आंकड़ों को रोकने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं कर रहे।