पन्नी खोह बन सकता है एक पर्यटक स्थल
गोवर्धन गुप्ता जबलपुर दर्पण मैहर । विंध्य क्षेत्र में फैले प्राकृतिक सौंदर्य को देखने के लिए अभी भी देश के पैटर्न आते हैं अगर मैहर क्षेत्र के पन्नी खोए मैं गिर रहे झरने को देखने की सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाए तो मैहर में जो लोग मां शारदा देवी के दर्शन करने आते हैं वह लोग भी इस पर्यटक स्थल को देखने अवश्य जाएंगे जिससे मैहर के राजस्व में बढ़ोतरी
होगी ही मैहर का विकास भी होगा।
वही हर स्थिति में मां शारदा देवी मंदिर के पीछे बने हुए आल्हा ऊदल के अखाड़े से लगभग 4 किलोमीटर दूर जंगल में एक ऐसा झरना है जहां आसपास के लोग इस प्राकृतिक छटा को देखने आते हैं यहां पर जंगल से आया पानी लगभग 600 फीट नीचे झरना बनकर गिरता है जिसे लोग पन्नी खोह के नाम से जानते हैं यहां पर काफी लोग पिकनिक मनाने के लिए भी आते हैं यहां पर आने के लिए दो नदियों को क्रश करना पड़ता है जिसके लिए ना तो कोई सड़क है ना ही रास्ता बना हुआ है रास्ता है तो सिर्फ पथरीला जिसमें पानी भी बहता है पन्नी खो जाने के लिए कोई पुल भी नहीं पड़ता है इस रास्ते के दोनों और जंगल है जिससे यह रास्ता कठिन है।
इस रास्ते के दोनों और जंगल है जिससे यह रास्ता काफी कठिन हो जाता है इसलिए जो लोग यहां पर आते हैं वह सिर्फ पैदल या मोटरसाइकिल से ही आते हैं इस रास्ते में गोल गोल पत्थर पड़े हुए हैं जिनके ऊपर से पानी भी बहता है इसलिए लोग या तो पैदल आते हैं या मोटरसाइकिल से मोटरसाइकिल से आने वाले लोग अक्सर दुर्घटना का शिकार होते रहते हैं
मैहर नगर के लोगों का कहना है कि अगर अगर पन्नी खो खो जाने के लिए रास्ता बना दिया जाए एवं कुछ सुविधाएं उपलब्ध करा दिए जाएं तो यह एक पर्यटक स्थल बन सकता है जहां पर आने वाले लोग पिकनिक भी मना सकते हैं यह विंध्य क्षेत्र का एक प्रमुख पिकनिक स्पॉट बन सकता है जिससे क्षेत्र का विकास होगा वहीं अगर को आय में बढ़ोतरी भी होगी।