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अरसों से अस्तित्व तलाश रहा है जिले का यह जलप्रपात

किसी भी देश-प्रदेश में पर्यटन का अपना एक अलग महत्व है निश्चित तौर पे किसी भी पर्यटन स्थल से सरकार को अच्छा-खासा राजस्व प्राप्त होता है सांथ ही पर्यटक स्थल में आने वाले मुसाफिर व पर्यटकों से उस जगह जिले व राज्य को प्रसिद्धी मिलता है शहडोल जिले में अमरकंटक के विलय के बाद पर्यटन की संभावनाएं लगभग समाप्त हो चुकी हैं जिससे शहडोल जिले में पर्यटन से महज औपचारिक रूप से ही राजस्व प्राप्त हो रहा है ऐसे में शहडोल जिले में कई ऐसे स्थान हैं जहां पर्यटन की सम्भावना ढूंढ़ी जा सकती है ऐसा ही प्रकति का एक विहंगम और मनोरम दृश्य का नजारा शहडोल के अंतिम छोर पतखाई घाट में प्रायः देखने को मिलता है।

शहडोल। शहडोल जिले के ग्राम पतखाई में अरसों से एक जलप्रपात ऊपर से अपनी छटा बिखरते हुए गिरता है इस जलप्रपात का अपना एक अलग ही अंदाज रहता है और इस मार्ग से होकर आने जाने वाले राहगीरों का इस मनोरम दृश्य को देखने के लिए यहाँ तांता लगा रहता है आसपास से जुड़े ग्रामीणों ने बताया यह एक पिकनिक स्पॉट है जहां कोई न कोई पिकनिक व सैर सपाटे के लिए यहां प्रायः आते जाते रहते हैं अगर सरकार इस ओर ध्यान दे तो निश्चित तौर पे यहाँ एक पर्यटन का अवसर तलाशा जा सकता है।

मुख्यमार्ग में स्थित यह प्रपात और भी अधिक कर सकता है रोमांचित-ज्ञात हो दूर से हिलकोरे मारने वाला जलस्रोत का यह प्रपात आने जाने वाले यात्रियों को स्पष्ट रूप से मार्ग से ही दिख जाता है तरह-तरह के आवागमन वाले इस घाट पर ही खड़े होकर फोटो शूट व छायाचित्रों का लुत्फ उठाते हैं इस मार्ग के ऊपर ही अनूपपुर जिले की सीमा फिर डिंडोरी और जबलपुर जैसे संभागों का यह मार्ग है अगर इस पर सरकार पहल करे तो आगामी दिनों में यह पर्यटन का एक केंद्र हो सकता है जिससे सरकार को न सिर्फ धनार्जित होगा अपितु शहडोल जिले में पर्यटन का एक सम्भव प्रयास हो सकता है।

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