हर सेक्टर में रोजगार छुपा हुआ है,चिन्तन कर पहचानें: वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डाॅ राजेश सक्सेना
विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर के स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ द्वारा ‘जलसंरक्षण व रोजगार’विषय पर किया गया वेबिनार का आयोजन
जबलपुर।शासकीय विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ द्वारा शनिवार को ‘जलप्रदूषण व जलसंरक्षण और रोजगार’ विषय पर ऑनलाइन व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया।जिसमें कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ ए एल महोबिया ने की।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित विषय विशेषज्ञ मध्यप्रदेश विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद् भोपाल के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डाॅ राजेश सक्सेना द्वारा विद्यार्थियों और समाज के हित में सारगर्भित बहुउपयोगी व्याख्यान दिया गया।अपने व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा कि कोई भी विषय अपने आप में पूर्ण नहीं है,इसलिए डिग्री करने के साथ ही छोटे-छोटे डिप्लोमा कर अपने संबंधित क्षेत्र में व अन्य क्षेत्रों में भी स्किल डेवलप करना चाहिए।क्योंकि जब डिग्री रोजगार नहीं दे पाती,तब तीन-तीन महीने का डिप्लोमा भी रोजगार दिला देता है।इस पर उन्होंने महाविद्यालयों में जनभागीदारी से मशरूम कल्टीवेशन जैसे स्वरोजगार मूलक छोटे-छोटे कोर्स भी शुरू करने की अपील की।उन्होंने कहा कि हर सेक्टर में रोजगार छुपा हुआ है,बस इसे चिन्तन कर समझना होता है।
वर्तमान में पानी के संरक्षण पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए डॉ सक्सेना ने कहा कि आदमी जिस डाली पर बैठा है,उसे ही काट रहा है,आज पानी के साथ भी यही स्थिति है। उन्होंने जल-संरक्षण के लिए एकीकृत जल प्रबंधन योजना आईडब्ल्यूआरएम के तहत् देश में चलाए जा रहे वाटरशेड डेवलपमेंट प्रोग्राम,नर्मदा संरक्षण प्रोग्राम आदि से अवगत कराते हुए,इसमें रोजगार के अवसरों की जानकारी दी। जल-संरक्षण के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यूनीसेफ,जल संरक्षण पर एनजीओ,वाटर प्यूरीफायर,वाटर हार्वेस्टिंग कन्सलटेंट सहित कई रोजगार शुरू किए जा सकते हैं। वहीं उन्होंने जल-संरक्षण के लिए प्रत्येक स्कूल व घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने, पुरानी बावड़ियों व तालाबों को सुरक्षित करने की सख्त आवश्यकता बताई।
वहीं डॉ सक्सेना ने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान करते हुए शहरों में पानी के जमीन में रिसने के लिए कम सेमेन्टीकरण करने,विषय को सार्थक बनाने उससे प्राप्त ज्ञान को जमीनी तौर पर जोड़ने,जल संरक्षण के लिए रुचि जागृत करने के लिए विद्यार्थियों को जल-संरक्षण से संबंधित असाइनमेंट देने और उन्हें प्रोत्साहित करने को कहा।
कार्यक्रम के अंत में डॉ राजश्री कपूर के द्वारा आभारीय भाषण देते हुए,सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम के दौरान स्वामी विवेकानंद रोजगार मार्गदर्शन एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ प्राभारी डॉ जया बाजपेई, डॉ अंकिता बोहारे,डॉ मनीष शर्मा व बड़ी संख्या में स्नातक व स्नातकोत्तर के विद्यार्थी उपस्थित रहे। वहीं कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागी मदन साहू, मौलिक पाण्डेय,साक्षी मगरदे,संजय कुमार पटेल, हर्षिता जैन, प्रचिती भट्ट ने इस व्याख्यान को ज्ञान से भरपूर और बहुउपयोगी बताया।