टीएमयू के एग्रीकल्चर कॉलेज और फैटन मॉलिक्यूल्स के बीच हुआ एमओयू साइन
ख़ास बातें
टीएमयू के छात्र प्रशिक्षण के लिए फैटन मॉलिक्यूल्स का भ्रमण करेंगे
टीएमयू के एग्रीकल्चर छात्रों को स्टार्टअप के लिए भी मिलेंगे अहम टिप्स
एग्रीकल्चर कॉलेज की सीनियर फैकल्टी भी फैटन मॉलिक्यूल्स से होंगी लाभान्वित
कन्सल्टेंसी एवं रिसर्च हेतु एग्रीकल्चर कॉलेज को देगा 12 लाख की धनराशि
फर्टिलाइजर तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी और बायो-फर्टिलाइजर एवं बायो-पेस्टिसाइट्स बनाने वाली कम्पनी फैटन मॉलिक्यूल्स प्रा0 लि0, अमरोहा के बीच एमओयू साइन हुआ है। इस एमओयू-मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग से अब टीएमयू के एग्रीकल्चर के छात्र प्रशिक्षण के लिए समय-समय पर फैटन मॉलिक्यूल्स का भ्रमण करेंगे। वे खेती में बायो-फर्टिलाइजर और बायो- पेस्टिसाइट्स के लाभ जान सकेंगे। फैटन मॉलिक्यूल्स के बायो-फर्टिलाइजर और बायो-पेस्टिसाइट्स से सम्बन्धित 50 से अधिक उत्पाद बाजार में उपलब्ध हैं। एमओयू के समय टीएमयू के वाइस चांसलर प्रो. रघुवीर सिंह और फैटन मॉलिक्यूल्स के निदेशक श्री कीरत सिंह के अलावा रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, निदेशक-छात्र कल्याण प्रो. एमपी सिंह आदि मौजूद रहे। इस एमओयू के बाद कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर के यूजी के छात्रों को न केवल सघन प्रशिक्षण मिलेगा बल्कि स्टुडेंट्स को अनुसंधान हेतु समय-समय पर मिलेगी। श्री कीरत सिंह ने कहा, कन्सल्टेंसी एवं रिसर्च हेतु एग्रीकल्चर कॉलेज को 12 लाख रुपए देंगे, जिसमें से 3 लाख का चैक एमओयू साइन करते वक्त ही दे दिया। वाइस चांसलर प्रो. रघुवीर सिंह ने फैटन मॉलिक्यूल्स के निदेशक का आभार व्यक्त किया। इसके अलावा एग्रीकल्चर कॉलेज की फैकल्टी भी फैटन मॉलिक्यूल्स का समय -समय पर कन्सल्टेंसी एवं रिसर्च के लिए भ्रमण करेगी। निदेशक-छात्र कल्याण प्रो. सिंह ने यह जानकारी देते हुए कहा, यह एमओयू दोनों संस्थानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। एमओयू के वक्त कॉलेज के एआर श्री विशेष कुमार सिंह भी मौजूद रहे।