जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नरवाई जलाने से चारो ओर धुंए की चादर:प्रदूषण में घिरी संस्कारधानी के ग्रामीण क्षेत्र
जबलपुर दर्पण सिहोरा संवाददाता। जिला मुख्यालय के तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण इलाकों में एक ही नजारा देखने को मिल रहा है। चाहे वह मिनी पंजाब कहे जाने वाले पाटन का मामला हो या फिर शहपुरा भिटोनी,कटंगी,मझोली,सिहोरा, बरेला के ग्रामीण क्षेत्र हो सभी जगह खेतो की नरवाई जलाने के कारण आग ही आग दिखाई दे रही हैं। जिसके कारण सुबह शाम घने कोहरे जैसा मौहोल धुँआ के कारण नजर आ रहा है। गर्मी के मौसम की शुरुआत हुये अभी कुछ ही समय हुआ है और न जाने कितने लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों को नष्ट करते हुए मानव जीवन में वायु प्रदूषण घोल रहें हैं जी हाँ हम बात कर रहे हैं आम जनता से लेकर जीव जन्तुओं सहित पशु पक्षियों की। इनके रहने खाने पीने से लेकर घरों में सुरक्षित आक्सीजन वायु प्रदूषण की बात। जिला मुख्यालय से लेकर तहसील कार्यालय से ग्राम पंचायत तक चारों तरफ धुँआ ही धुँआ और इसका मुख्य कारण खेतो से लेकर जंगलों की ओर बड़ रही आग की चिंगारी हैं। ये कोई क्यो नहीँ समझता है कि आग हैं मानव जीवन,पर भारी,जिसे चन्द मिनटों में कर देती हैं सब कुछ राख। फिर भी ये चिंगारी लगातार देखने मिल रही हैं खेतों की नरवाई जलाने पर लम्बी लम्बी आग की लपटें उठ रही हैं। अगर जल्द ही इसके बारे में कुछ नहीं किया गया तो आने वाले समय में प्राकृतिक संसाधनों को तो हम खो देंगे। उसके साथ साथ हम अपने घर में एक दमा रोग से पीड़ित व्यक्ति को बीमारी उपलब्ध करा देंगे। अभी नहीं तो कभी नहीं समय रहते जाग जाये पूर्व कलेक्टर ने जारी किए थे कार्यवाही करने निर्देश – देखा जाये तो गेंहू की फसलों को किसानों द्वारा हारवेस्टर से कटाई कराने के बाद शेष बची हुई नरवाई को किसान आग लगाकर जला देता है। इसके बाद उरदा कि फसल को लगाने की जल्दी में ये भूल जाते हैं कि इससे प्राकृतिक छति के साथ साथ मानव जीवन के लिये अधिक हानिकारक प्रभाव पड़ता है। वहीं लगातार आग की घटनाये बढ़ती जा रही है। इन सभी कारणों को देखते हुए जिले के पूर्व कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने आदेश जारी किया था कि जो भी किसान नरवाई या खेतों में आग लगाते हुए पाया जाये तो उस पर उचित कार्यवाही करते हुए जुर्माना लगाया जाये ।