गौंड़कालीन इमरती तालाब से अमृत सरोवर अभियान की शुरुवात:श्री सिंह
जबलपुर दर्पण नप्र। पीएम के कुशल नेतृत्व में देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। जिसके तहत प्रदेश के हर जिले में 75 अमृत सरोवरों को संरक्षित और निर्मित किया जाना है। जो भावी पीढ़ियों के लिए समर्पित है। जल संरक्षण बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। एक समय में भारत सोने की चिड़िया कहा जाता था, जिसके पीछे का मुख्य कारण ग्यारहवीं-बारहवीं शताब्दी तक विश्व का एक तिहाई व्यापार भारत के जल परिवहन के माध्यम से ही होता था। पीएम का अमृत सरोवर निर्माण का आव्हान इसी दिशा में है।
जबलपुर प्राचीन काल से ही जल के मामले में संपन्न रहा है। हम नर्मदा के तट पर बसते हैं, हमारे पुरखे गौंड़ राजाओं ने आदर्श जल व्यवस्थापन करके हमें पानी की समृद्ध परंपरा दी थी। पिछले कुछ वर्षों से जल स्त्रोंतों की अनदेखी से जलस्तर में लगातार कमी आई है। जिसके कारण वर्ष 2011 से ही जनसहयोग से जल रक्षा अभियान प्रारंभ किया था।जनजागरण हेतु,गोष्ठियों,जल रक्षा पदयात्रा,तालाबों की सफाई, तालाबों का गहरीकरण,वर्षा जल को रोक कर जमीन में रिसाने, कंटुर निर्माण,गेबियन बांध निर्माण और पहाड़ियों पर वृक्षारोपण,वॉटर शेड निर्माण जैसे कार्यों के माध्यम से जनजागरण का कार्य सतत् किया जा रहा है। जिसमे परिणामस्वरूप भू-जलस्तर में सुधार हुआ है। सोमवार 11 अप्रैल 22 को पंडा की मढ़िया गढ़ा स्थित गौंड़कालीन इमरती तालाब से अमृत सरोवर अभियान की शुरूआत हो रही है।