हरि का अवतरण जन तारने के लिए होता है: डा स्वामी नरसिंह दास महाराज
जबलपुर। वर्तमान में अनाचार को देखकर जो अधिकार करें वही कृष्ण है।सृष्टि में अनाचार अपाचार की अति होती है तो हरि को धारा धाम में अवतरण लेना पड़ता लेना पड़ता है । हरि के अवतरण से जीव जंतु, प्रकृति सब हर्षित होती है । ईश्वरीय और आसुरी वृत्तियों के लिए आपको यथोचित कर्म करना चाहिए। सत्कर्म ईश्वरी देन है अनाचार आसुरी वृत्ति है। उक्त उद्गार नथिंग पीठाधीश्वर परम पूज्य स्वामी नरसिंह दास महाराज गीता धाम ग्वारीघाट में गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस श्री कृष्ण जन्मोत्सव अवसर पर कहे ।
गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अवसर पर भागवत कथा में स्वामी राजाराम आचार्य, महाराज स्वामी हनुमान दास जी महाराज, स्वामी बालक दास जी महाराज, श्री जगद्देव जी महाराज, रमेश भदोरिया , शिवचरण मिश्रा, ठाकुर सुभाष सिंह , मुन्ना पांडे राकेश द्विवेदी , बृजेश द्विवेदी , विध्येश भापकर, संजय नाहटकर, राजीव मिश्रा , राजेंद्र यादव , संदीप मिश्रा ,जीवन कपिल , प्रवीण चतुर्वेदी, संजय शास्त्री, रामफल शास्त्री , रूपा राव, इंदुलता प्यासी, एकता शर्मा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे ।