जबलपुर दर्पण। मध्य प्रदेष जागरूक अधिकारी कर्मचारी एवं जागरूक खेल संघ के जिलाध्यक्ष रॉबर्ट मार्टिन ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि पिछले 20 वर्षों से स्कूली खिलाड़ी बच्चों को संभाग स्तरीय प्रतियोगिता हेतु 90 रूप्ये एवं राजस्तरीय प्रतियोगिता हेतु 100रूप्ये प्रतिदिन के हिसाब से आज भी इस मंहगाई के दौर में डाईड मनी (खुराक राशि) दी जाती है जो कि अतिन्यूनतम राषि है इतनी कम राषि में बच्चे तीन टाईम का भोजन कैसे करेंगे और कैसे अच्छा प्रदर्षन कर पाएंगे। जबकि यह तय माना जाता है कि जब तक बच्चों को भरपूर डाईट नहीं मिलेगी तब तक हम उनसे अच्छे प्रदर्शन की उमीद नहीं कर सकते। यही वजह है कि मध्य प्रदेश दम खम वाले खेलों में पिछड़ता जा रहा है।
संघ ने आगे बताया कि जब स्कूलों में अध्ययनरत बच्चे साल भर अपने खेलों में प्रदर्षन सुधारने एवं जिला, संभाग, राज्य एवं राष्ट्रस्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने के उदेष्य से मेहनत कर पसीना बहाते है और अच्छे प्रदर्षन की उमीद लेकर अपने जिले से बाहर जाते है तब उन्हे संभाग स्तर की प्रतियोगिताओं हेतु 200रूप्ये एवं राज्यस्तरीय प्रतियोगिताओं हेतु 250रूप्ये प्रतिदिन के हिसाब से डाईड मनी दी जानी चाहिए। जिससे उनके प्रर्दषन में सुधार आ सके क्योंकि एक अच्छे खिलाड़ी से अच्छे प्रर्दषन हेतु अच्छी डाईट दी जाना अतिआवष्यक है अतः खिलाड़ी बच्चों की खुराक राषि बड़ाई जानी चाहिए।
संघ के जिलाध्यक्ष रॉबर्ट मार्टिन, जीवन लाल रजक, मीनूकांत शर्मा, हेमंत ठाकरे, राकेश श्रीवास, जियाउर्रहीम, स्टेनली नॉबर्ट, दिनेष गौंड़, धनराज पिल्ले, एनोस विक्टर, रॉबर्ट फ्रांसिस, सुधीर पावेल, गुडविन चार्ल्स, सुनील स्टीफन, सुनील झारिया, योगेष ठाकरे, उमेष सिंह ठाकुर, राजेष सहारिया, रऊफ खान, विनय रामजे, विनोद सिंह, देवेन्द्र पटेल, अफरोज खान, नीरज मरावी, विरेन्द्र श्रीवास, सुधीर अवधिया, मानसिंह आर्मो आदि ने मांग की है