रैगांव विधानसभा उपचुनाव जीतकर रचा था इतिहास
सतना दर्पण। मध्य प्रदेश 2021 में हुए रैगांव विधानसभा के उपचुनाव में जीत का परचम लहराने वाली कांग्रेस पार्टी की लोकप्रिय विधायिका कल्पना वर्मा के बढ़ते कद से विपक्षी नेताओं में हताशा – निराशा का माहौल साफ देखा जा सकता है। जनता के दुख को अपना समझने वाली विधायिका कल्पना वर्मा जी की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है। कि 1977 से अस्तित्व में आई रैगांव विधानसभा सीट भाजपा का गढ़ मानी जाती रही है। लेकिन कांग्रेस पार्टी के 30 वर्षों के सूखे को समाप्त कर विधायक कल्पना वर्मा ने कांग्रेस पार्टी का परचम लहरा दिया था। राजनीतिक पंडितों की मानें तो रैगांव विधायक का जनता से सीधा संवाद आम जनमानस के दिलों में अमिट छाप छोड़ रहा है।
आपकी विधायक आपके द्वार कार्यक्रम के द्वारा गांव- गांव पहुंच कर जनता से सीधे जुड़ कर उनकी समस्याओं को जनता के बीच बैठकर सुनते ही निराकरण करने का कार्य उनकी लोकप्रियता में चार चांद लगा रहा है। यही कारण है कि कल्पना वर्मा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की, विश्वसनीय विधायकों में से एक मानी जाती है। रैगांव विधायक कल्पना वर्मा जी की लोकप्रियता में बट्टा लगाने के लिए कुछ तथाकथित लोगों ने विपक्षी नेताओं से ठेका ले रखा है। एक देसी में कहावत है नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। प्रदेश में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी रैगांव विधानसभा क्षेत्र की दुर्दशा की सीधे तौर पर भाजपा जिम्मेदार है। यह बात जनता 2021 में हुए उपचुनाव में बता चुकी है। लेकिन भाजपा की यह करारी हार भाजपाई नेताओं को पच नहीं पा रही है। इसीलिए आए दिन अनर्गल बातें कर के छवि धूमिल करने का असफल प्रयास करते रहते है। किसी ने सच ही कहा है कि राम मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी इस तरह के लोगों की भीड़ विपक्षी दलों के नेताओं में खूब देखी जा सकती है।
रैगांव विधानसभा क्षेत्र मैं किए गए सर्वे के आधार पर जनता ने 58% लोगों ने वर्तमान विधायक के समर्थन में बात कही है। लोगों ने यह भी कहा कि जब भाजपा को 30 सालों तक आजमाया गया तो फिर विधायक कल्पना वर्मा जी को एक और मौका दिया जाना उचित होगा।