डी आर के भेदभाव के चलते पावर ट्रांसमिशन कर्मियों ने की नारेबाजी एवं प्रदर्शन
जबलपुर दर्पण। केंद्रीय शासन ने 1 जनवरी 22 से 38 प्रतिशत डीए, डीआर की घोषणा कर लागू कर दिया है। इसी के अनुरूप कई प्रदेश सरकार द्वारा इसे लागू कर दिया गया है परंतु मप्र शासन ने इसे 33 प्रतिशत ही किया है। इसके विपरीत मप्र विद्युत मंडल की 6 उत्तरावर्ती विद्युत कंपनियों द्वारा 22 प्रतिशत डी आर में ही पेंशनरों को सीमित कर दिया गया है। मांग करने पर भी मप्र शासन द्वारा घोषित ३३ प्रतिशत डीआर की राशि नहीं मिल रही है। सभी प्रबंध निदेशक ५५ हजार पेंशनरों के आर्थिक दु:ख दर्द पर सहानुभूति रखने में गुरेज कर रहे है।
ऐसी स्थिति में पेंशनरोंके समक्ष संघर्ष के सिवाय कोई विकल्प नहीं बचा है। आगे के दिनों में सरकार विरोधी असंतोष को बढ़ावा मिलने से आगामी चुनाव में सरकार का बदला जाना सुनिश्चित हो जाएगा। ऐसी स्थिति सभी पक्षों के लिए दुखदायी साबित होगी।