वास्तविक पूर्ण परमात्मा हैं कबीर साहेब : संत रामपाल
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जबलपुर दर्पण। मध्यप्रदेश के जबलपुर जिले में कुंडम तहसील के बघरजी में संत रामपाल महाराज के सत्संग का आयोजन एलईडी टीवी के माध्यम से किया गया। जिसमें संत रामपाल महाराज ने वेदों अनुसार बताया कि कविर्देव अर्थात कबीर साहेब स्वयं अविनाशी परमेश्वर हैं उनका जन्म मृत्यु नहीं होता है। जो अपने भक्तों के पाप कर्म, सर्व रोग समाप्त कर देते हैं। यहाँ तक कि पूर्णब्रह्म कबीर अपने साधकों की आयु भी वृद्धि कर देते हैं। जिससे वास्तविकता में कबीर साहेब ही सत्यनारायण हैं। संत रामपाल महाराज ने वेदों के प्रमाण भी दिखाए कि ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 82 मंत्र 1-2, सूक्त 86 मंत्र 26-27, सूक्त 93 मंत्र 2, सूक्त 96 मंत्र 16-20, ऋग्वेद मण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 3-5, सूक्त 161 मंत्र 2, सूक्त 162 मंत्र 2,5, सूक्त 163 मंत्र 1-3, अथर्ववेद काण्ड 4 अनुवाक 1 मंत्र 7, सामवेद मंत्र संख्या 822, यजुर्वेद अध्याय 5 मंत्र 32, अध्याय 8 मंत्र 13 और यजुर्वेद अध्याय 40 मंत्र 8 आदि से यह स्पष्ट होता है कि पूर्णब्रह्म परमात्मा कविर्देव (कबीर साहेब जी) हैं और वे ही सर्वशक्तिमान अजर अमर परमात्मा हैं। वे सशरीर शिशु रूप में प्रकट होते हैं और लीला करने के बाद सशरीर अपने निज धाम सतलोक चले जाते हैं। वहीं कबीर साहेब जी की लीलाओं कबीर सागर में लिखा है कि कबीर परमेश्वर शिशु रूप में सन् 1398 में लहरतारा नामक तालाब, काशी (वनारस) में सशरीर प्रकट हुए थे जिसके प्रत्यक्ष दृष्टा स्वामी रामानंद जी के शिष्य अष्टानन्द थे। वहीं कबीर साहेब जी सन् 1518 में मगहर (वर्तमान जिला संत कबीर नगर) से सशरीर हजारों लाखों लोगों के सामने से सतलोक (अमरलोक) चले गए थे उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल मिले थे। जिसकी यादगार आज भी मगहर में मौजूद है।