नहर प्रशासन झूठी दिलासा देकर किसानों को परेशानी में दिया डाल
जबलपुर दर्पण। सिहोरा तहसील के बरगी डेम की दायतट बड़ी नहर से निकली पड़रिया माइनर और रिहुटा माइनर से लगे दर्जनों गांव के किसानों को नहर के पानी की बहुत अधिक जरूरत है। किसानों की धान रोपाई नहीं हो पा रही है। दूसरी तरफ अपने स्वयं के बोरवेल पानी से जैसे-तैसे खेतों को पानी में डालकर धान रोपा लगाया गया तो सूखने जैसी स्थिति हो गई है। जिसमें किसानों को धान फसल की रूपा तैयारी ठीक से नहीं हो पा रहा है। धान की फसल कमजोर होने का संदेह जताया जाता है। कार्यपालनयंत्री नर्मदा विकास परियोजना संभाग क्रमांक 4 सिहोरा एके तिवारी ने बताया कि 20 क्यूबिक पानी बरगी डैम दाएं तट नहर में छोड़ा जा रहा है। परंतु किसानों का कहना है कि 20 क्यूबिक पानी के बदले करीब 50 क्यूबिक पानी बरगी डैम से छोड़ा जाना चाहिए। जब हम किसानों को किसानों को 3 से 4 दिन के अंदर पानी मिलने की संभावना हो सकेगी। भारतीय किसान संघ के अध्यक्ष सुरेश पटेल ने बताया कि पिछले करीब 3 सप्ताह पूर्व नहर प्रशासन के पदाधिकारी और भारतीय किसान संघ के पदाधिकारियों के साथ बरगी हिल्स रानी अवंती बाई सागर परियोजना जबलपुर के रेस्ट हाउस की एक बैठक पर 5 जून 2023 को नहर में पानी छोड़ने का किसानों को भरोसा दिलाया गया था। परंतु 10 दिनों के उपरांत भी नहर प्रशासन के अधिकारी नहर में पानी नहीं छोड़ रहे हैं। किसानों को झूठी दिलासा देकर उनकी परेशानी का मजाक बना रखा है। नहर विभाग के द्वारा झूठी दिलासा देकर किसानों को धोखा दिया जाता है। जिसकी हम सभी किसान मिलकर भरपूर विरोध करते हैं। पड़रिया एवं रिहुटा के अध्यक्ष जमुना प्रसाद तिवारी,नहर सदस्य जयकुमार तिवारी, सदस्य ब्रज भूषण दुबे, सदस्य सीता पटेल, सदस्य सुदर्शन राय, सदस्य ललित पटेल, राजेन्द्र खरे, नंदन जैन, पूरन राय, राहुल राय, विनोद पटेल, आदि किसानों ने तीन दिवस के अंदर दोनों नहरों में पानी छोड़ने की मांग किया है।