सहारा बैंक में निवेशक जमा राशि पाने काट रहे चक्कर, नहीं खुल रही नियमित ब्रांच, ग्राहक हो रहे परेशान
मंडला दर्पण। जब से केंद्र द्वारा निवेशकों के हित में फैसला लेते हुए घोषणा की है कि जल्द ही निवेशकों का पैसा चरणबद्ध तरीके से वापस होगा तब से ग्राहकों के चेहरे में खुशी की लहर आई, वहीं ग्राहक अपनी जमा पूंजी वापस पाने के लिए ब्रांचों के चक्कर काट रहे हैं। क्योंकि मण्डला स्थित सहारा ब्रांच नियमित खुल नहीं रही है जिससे उपभोक्ता परेशान हैं, वहीं केंद्र शासन के द्वारा सहारा के नियवेशकों की रकम वापस दिलाने की पहल की है जिसमें ग्राहक रिफण्ड पोर्टल पर आवेदन कर अपनी राशि वापस पा सकते हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को पोर्टल की जानकारी ब्रांच से नहीं मिल पा रही है।
लंबे समय के बाद सहारा बैंक में निवेशकों की जमा पूंजी अब वापस मिलने का रास्ता बनाया गया है, लेकिन ग्राहकों को उनकी जमा पूंजी कैसे वापस होगी इसस संबंध में स्थानीय ब्रांच से जानकारी नहीं दी जा रही है, वहीं नियमित ब्रांच न खुलने के कारण ग्राहक सहारा बैंक के चक्कर काटकर थक चुकी है। जबकि 18 जुलाई को केंद्रीय सहकारी मंत्री द्वारा निवेशकों को राशि वापस किये जाने का रास्ता बनाया है, लेकिन मण्डला स्थित सहारा बैंक की ब्रांच में ग्राहकों के पैसे डूबे खाते में जाने की स्थिति है क्योंकि इस बैंक के ब्रांच मैनेजर सचिन तिवारी नियमित ब्रांच में नहीं बैठ रहे हैं। यहां तक कि महिने में दो या तीन दिन ही ब्रांच खुलती है।
दस्तावेजों के आधार पर ग्राहकों की जमा पूंजी होगी वापस
जानकारी सामने आई है कि रिफण्ड पोर्टल के माध्यम से ग्राहक रजिस्टे्रेशन के लिए अपने समस्त दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे उसके बाद ही निवेशकों की राशि वापस मिलने का रास्ता साफ होगा, लेकिन मण्डला स्थित ब्रांच के न खुलने से निवेशक असमंजस में है। क्योंकि उन्हें रिफण्ड पोर्टल में जो दस्तावेज दर्ज किये जाने हैं वह ब्रांच जमा रखी हुई है। अनेक एजेंट ऐसे हैं जो ग्राहकों से उनकी पासबुक से लेकर जमा रसीद भी ले गये और उसे ब्रांच में जमा कर दिया। अब ग्राहकों के पास निवेश पोर्टल में दस्तावेज जमा करने के लिए कुछ नहीं है। जिन एजेंटों के द्वारा निवेशकों से राशि जमा कराई है उन एजेंटों ने काम छोड़ दिया है या अन्य बैंक के काम करने लगे हैं जिसके कारण ग्राहक एजेंटों की तलाश कर रहे हैं। कुछ एजेंट निवेशकों को गोलमोल जवाब देकर टरका रहे हैं। जबकि ग्राहकों ने इस बैंक में अपनी सारी पूंजी जमा कर रखी है। जब उन्हें पैसे की जरूरत है उस दौरान वे अपनी राशि पाने के लिए बैंक के चक्कर लगा रहे हैं।
10 हजार से अधिक राशि नहीं हो रही रिफण्ड-
जानकारी यह भी सामने आई है कि जितनी राशि निवेशकों द्वारा जमा की है उससे बहुत कम राशि ही वापस मिलने का प्रावधान बनाया गया है। सहारा समूह की चार सहकारी समितियों में निवेश करने वाले लोगों का पैसे केंद्र सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से वापस कराने के लिए घोषणा की है। केंद्रीय ग्रह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफण्ड पोर्टल का शुभारंभ किया है। इस पोर्टल पर निवेशक जरूरी दस्तावेज अपलोड कर 45 दिनों के अंदर अपने पैसे को वापस पा सकती है। साथ ही यह भी जानकारी सामने आई है कि सहकारिता मंत्रालय ने गतदिवस एक विज्ञाप्ति जारी कर निवेशकों को यह जानकारी बताई गई कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के प्राथमिक जमाकर्ताओं को सीआरसीएस सहारा रिफण्ड पोर्टल पर दावे प्रस्तुत करने में कॉमन सर्विस सेंटर सीएससी भी सहायता करेगी, वहीं यह भी जानकारी सामने आई है कि निवेशकों को जो राशि वापस मिलनी चाहिए वह नहीं मिल रही है, बल्कि 10 हजार रुपये से अधिक राशि रिफण्ड नहीं हो पा रही है जिससे निवेशकों में आक्रोश बढ़ रहा है।
जानकारी के अभाव में ग्राहक हो रही परेशानी-
सहारा बैंक में निवेश करने वाले ज्यादातर छोटे व्यापारी हैं जो दैनिक काम कर जो राशि कमाते थे उसमें से कुछ राशि एजेंटों के माध्यम से प्रतिदिन जमा करते थे। कुछ ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं जो मकान एवं शादी ब्याह के लिए निवेश किये थे जिनकी जमा पूंजी अभी तक उन्हें वापस नहीं मिली है। कुछ निवेशकों ने बताया कि न तो एजेंट सही जानकारी दे रहे हैं और ना ही ब्रांच मैनेजर जिससे अनेक निवेशक बैंक के चक्कर लगा रहे हैं। बैंक में लगभग स्टाफ धीरे-धीरे काम छोड़ दिये हैं क्योङ्क्षक उन्हें काम के बदले वेतन नहीं मिल रहा है। साथ ही ब्रांच मैनेजर भी गायब है जानकारी के अभाव में ग्राहकों को न तो दस्तावेज प्राप्त हो पा रहे हैं और न ही पोर्टल के संबंध में सही जानकारी मिल पा रही है जिससे ग्राहक परेशान हैं।