आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस ने वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही के लिए क्लेम सैटलमेंट का उद्योग-अग्रणी अनुपात कायम रखा
नई दिल्ली। वित्तीय नियोजन की अगर बात करें, तो जीवन बीमा इसका एक अनिवार्य घटक है, जो परिवार और आश्रितों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। यह पॉलिसीधारक की असामयिक मृत्यु की स्थिति में परिवार की वित्तीय भलाई सुनिश्चित करने के लिए कंपनी द्वारा किया गया एक वादा है। इन अर्थों में यह किसी प्रियजन को खोने के कारण उत्पन्न वित्तीय संकट को कम करने का एक बेहतर तरीका है।
जीवन बीमा के मामले में क्लेम एक सच्चाई है और इसलिए किसी को उसी ब्रांड से पॉलिसी खरीदना चाहिए, जिस पर वे भरोसा करते हैं। क्लेम सैटलमेंट अनुपात और दावा निपटान में लगने वाले औसत समय के मूल्यांकन के आधार पर ग्राहक अपने अनुकूल जीवन बीमाकर्ता का चुनाव कर सकते हैं। क्लेम सैटलमेंट के मामले में टर्नअराउंड समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि लाभार्थियों को दावे की राशि शीघ्र प्राप्त हो।
हालाँकि, जिम्मेदारी पूरी तरह से बीमा कंपनी की नहीं है। ग्राहक खरीदारी के समय सभी प्रकार की जानकारी का सच्चाई से खुलासा करने की जिम्मेदारी भी निभाते हैं, इससे नामांकित लोगों के लिए त्वरित और परेशानी मुक्त दावा अनुभव सुनिश्चित किया जा सकता है।
नियमों के अनुसार, जीवन बीमाकर्ता तिमाही आधार पर अपने दावा निपटान अनुपात की घोषणा करते हैं। आखिरकार व्यक्ति यह सुनिश्चित करने के लिए जीवन बीमा खरीदते हैं कि किसी भी स्थिति में उनके आश्रित वित्तीय रूप से सुरक्षित रहें।
नीचे दिया गया चार्ट कुछ जीवन बीमा कंपनियों के दावा निपटान अनुपात को दर्शाता है:
खास बात यह है कि आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के पास लगातार दावा निपटान अनुपात ट्रैक रिकॉर्ड है, जिसमें वित्त वर्ष 2024 के शुरुआती नौ महीनों के लिए उल्लेखनीय 98.6 प्रतिशत दावा निपटान अनुपात शामिल है।
दावा निपटान अनुपात में निरंतरता भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पॉलिसीधारक को मानसिक शांति प्रदान करता है कि जब वे आसपास नहीं होंगे, तो उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर नहीं होगा।
वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ का दावा निपटान अनुपात 98.10 फीसदी था, दूसरी तिमाही में यह 98.14 प्रतिशत रहा और तीसरी तिमाही में अनुपात 98.52 फीसदी था। उल्लेखनीय है कि दिसंबर 2023 को समाप्त नौ महीनों की अवधि के लिए, सभी प्रासंगिक दस्तावेज़ जमा करने के बाद गैर-जांच किए गए दावों के लिए औसत दावा निपटान समय केवल 1.3 दिन था।
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने ‘क्लेम फॉर श्योर’ सेवा पहल भी शुरू की है, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि सभी दस्तावेज प्राप्त होने के बाद सभी योग्य मृत्यु दावों का एक दिन में निपटान किया जाए। यदि इस पहल के तहत दावे को प्रोसेस करने में कोई देरी होती है, तो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ लाभार्थी को दावे की राशि पर अर्जित ब्याज के साथ मुआवजा देती है। इसके अलावा कंपनी ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाने के लिए दावों को दर्ज करने और ट्रैक करने के लिए अपने डिजिटल टचपॉइंट्स जैसे व्हाट्सएप, मोबाइल ऐप और वेबसाइट की सुविधा भी उपलब्ध कराती है। इसके अलावा, दावे से संबंधित दस्तावेजों को घर से लेने की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
इस वित्तीय वर्ष के पहले नौ महीनों में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ ने ‘क्लेम फॉर श्योर’ के तहत 214.70 करोड़ रुपये के 3,070 दावों का निपटान किया। इसके अलावा, दावों का एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रॉनिक रूप से निपटाया जाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि लाभार्थियों को दावा राशि तक तत्काल पहुंच प्राप्त हो।
इसी प्रकार के और मापदंडों की जांच करके, संभावित ग्राहक जीवन बीमा कंपनी की वित्तीय ताकत, कामकाज को लेकर उत्कृष्टता के स्तर और अपने पॉलिसीधारकों की सेवा करने की प्रतिबद्धता की अधिक व्यापक समझ प्राप्त कर सकते हैं- जीवन बीमा खरीदते समय आखिर किसी भी ग्राहक को इन महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार करना ही चाहिए।