पांच कक्षाएं को संभाल रहे दो शिक्षक, मैडम कई दिनों तक नहीं आती स्कूल
डिंडोरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। आदिवासी बाहुल्य जिला डिंडोरी के समनापुर जनपद मुख्यालय अंतर्गत स्कूल केन्द्र चांदरानी के शासकीय प्राथमिक शाला बनवासी टोला कंचनपुर में पदस्थ दो शिक्षक पांच कक्षाएं को संभाल रहे हैं, जबकि एक अन्य मैडम कई दिनों तक स्कूल ही नहीं आती। गौरतलब है कि पिछले वर्ष ही मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के निवासी शिक्षिका किरण पाछोरे की पदस्थापना प्राथमिक शाला बनवासी टोला कंचनपुर में शिक्षकों की कमी की वजह से हुई थी, लेकिन मैडम पिछले कई दिनों से स्कूल ही नहीं पहुंच रही, जिससे बच्चों के शैक्षणिक कार्य, खेल गतिविधियां सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रही है। मामले को लेकर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो विभागीय अधिकारी कोई ठोस जवाब न देकर गोलमोल जवाब देते हुए नजर आए। एक तरफ सरकार द्वारा शिक्षा को बढ़ावा देने सहित विभिन्न योजनाओं के तहत छात्रों को प्रोत्साहन करने की योजना बना रही है, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाई जा सके। लेकिन यहां शासन प्रशासन के जिम्मेदार लोग ही शासन-प्रशासन की मंशा पर पानी फेरते हुए नजर आ रहे हैं। सूत्रों की मानें तो जिले भर के अधिकांश स्कूलों में कथित शराबी शिक्षकों की भरमार है और कई शिक्षक तो कई कई दिनों तक स्कूल है नहीं आते, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता दिनो-दिन गिरती हुई नजर आ रही है। बताया गया कि कुछ दिन पहले ही मेंहदवानी जनपद के दर्जनों स्कूलों में पदस्थ शराबी शिक्षक व अनुपस्थित शिक्षकों की सूची प्रशासन ने जारी की थी, जिससे शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। अनुमान के मुताबिक जब एक जनपद में दर्जनों शिक्षक बिना कार्य की वेतन ले रहे, तो जिले भर के सैकड़ो स्कूलों में ऐसे कितने शिक्षक, शिक्षिका निकलेंगे। फिलहाल अब देखना होगा कि जांच कराने शासन प्रशासन शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण कार्य के लिए अब क्या कदम उठा रही है, जिले भर के शराबी शिक्षक व अनुपस्थित शिक्षकों की जांच के लिए क्या कोई टीम गठित कर कार्यावाही करती है। आदिवासी बाहुल्य जिला होने के नाते शिक्षा को बढ़ावा देने करोड़ों रुपए के बजट सरकार भेज रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर शिक्षा का स्तर गिरता हुआ दिखाई दे रहा है, जिस लेकर शिक्षा विभाग पर कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।