अंतर हितकारिणी सांस्कृतिक प्रतियोगिता का समापन
बिहू, बघेली, अहीरी और छत्तीसगढ़ी लोक नृत्यों ने बांधा शमां
जबलपुर दर्पण। बन्ना रे मैं तो रजरा मेला देखन जाउं रे, गोरी गोरी नखरा दी गोरा गोरा रंग है, वृंदावन को कृष्ण कन्हैया बंशी बजावत आवे जैसे लोकगीतों एवं छत्तीसगढ़ी, करमा, बुंदेलखंडी, हरियाणवी, पंजाबी, मराठी, बघेली लोक नृत्यों को देखकर दर्शक झूम उठे। मौका था शहीद स्मारक गोल बाजार के सेठ गोविंददास प्रेक्षागृह में हितकारिणी विद्या परिषद द्वारा आयोजित अंतर हितकारिणी सांस्कृतिक कार्यक्रम का, जिसमें हितकारिणी सभा द्वारा संचालित 22 से अधिक स्कूल, काॅलेजों के स्टूडेट्स ने अपनी सहभागिता दी।
प्रतियोगिता में प्रायमरी स्तर के छोटे बच्चों की नृत्य प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही। दर्शकों एवं निर्णायक मंडल ने उनके सुर, ताल और लय की मुक्त कंठ से प्रशंसा की। नागालैंड के बांस नृत्य, बेड़नी, बिहू नृत्य ने वाहवाही लूटी। इसके साथ ही ढीमरहाई, मराठी, अघोरी नृत्य और भांगड़ा बीट्स ने दर्शकों को थिरकने मजबूर कर दिया। प्रतियोगी बच्चों के केस सज्जा और वस्त्र सज्जा को निर्णायक मंडल द्वारा सराहा गया। कार्यक्रम में 9 काॅलेज और 15 प्रायमरी, मिडिल और हायर सेकेंडरी स्कूल स्टूडेंट्स ने भाग लेकर गोल्ड, सिल्वर और ब्राॅंन्ज मेडल जीता। निर्णायकों की भूमिका मनोज परोहा, विजयश्री खन्ना और भैरवी विश्वरूप ने निभायी। समापन पर विजयी प्रतिभागियों को मेडल और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला न्यायाधीश एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अवधेश कुमार श्रीवास्तव, विशिष्ट अतिथि जिला विधिक अधिकारी बीडी दीक्षित और संयुक्त संचालक लोक शिक्षण प्राचीस जैन थे। इस दौरान कलाविद सुनयना पटेरिया, विद्या परिषद के सचिव एड. जयेश राठौर, विधिवेत्ता एड. अशोक गुप्ता, नितिन अग्रवाल, संयोजक नरेश तिवारी, सह संयोजक राजीव श्रीवास्तव, दिनेश सिंह ठाकुर, सीएस खंपरिया, राजेंद्र तिवारी, सुनील दुबे सहित विभिन्न स्कूल काॅलेज के प्राचार्य एवं स्टाफ और स्टुडेंट्स उपस्थित रहे।