महिला सशक्तिकरण हेतु आवश्यक है पुरुषों की मानसिकता में बदलाव
जबलपुर दर्पण। अभिभावकों द्वारा बचपन से ही अपने बच्चों का पालन पोषण इस ढंग से किया जाता है कि जिससे लड़कों में लड़कियों से श्रेष्ठता का भाव तथा लड़कियों में हीनता का भाव उत्पन्न होता है। जो कि आगे चलकर महिला उत्पीड़न का कारण बनता है। लड़कियों को खेलने के लिए जहां रिवाल्वर और तलवार दी जाती हैं वहीं लड़कियों को गुड़िया और श्रृंगार सामग्री।
उक्त उद्गार होमगार्ड केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान जबलपुर में आयोजित “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के विरुद्ध महिलाओं के अधिकार और महिला सशक्तिकरण” संबंधी जागरुकता कार्यक्रम में मुख्य वक्ता हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अमित सिंह जी ने व्यक्त किए। कार्यक्रम अध्यक्ष राज्य शिक्षा सलाहकार डॉ. श्रद्धा तिवारी ने कहा कि महिलाओं का मानसिक रूप से सशक्त होना ही सशक्तिकरण है। महिलाओं को विभिन्न मनोवैज्ञानिक विधियों से बिना आत्मबल खोए हर परिस्थिति से लड़ने में सक्षम बनाया जा सकता है। मुख्य अतिथि वॉक एंड क्लीन परिवार के सूत्रधार एड. अरविंद दुबे व भारत रक्षा मंच के प्रांत अध्यक्ष डॉ. एच. पी. तिवारी ने होमगार्ड की बहनों और जवानों की सेवा,समर्पण और कर्तव्य निष्ठा को सर्वोत्कृष्ठ बताया। सुप्रसिद्ध पर्यावरणविद मदन दुबे जी ने इस विशिष्ट आयोजन हेतु इसकी सूत्रधार कमांडेंट सुश्री प्रीति बाला सिंह व डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट विनय कैथवास को साधुवाद दिया। आयोजन में श्रीमती पूजा कुशराम, जितेंद्र पटेल और कैलाश सिंगारे का विशेष सहयोग रहा।