मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तीन मामलों में लिया संज्ञान

जबलपुर प्रशासन से मांगा जवाब
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग (मा.अ. आयोग) ने जबलपुर से जुड़े तीन जनहित के मामलों में संज्ञान लेते हुए संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से जवाब तलब किया है। आयोग की मुख्य पीठ भोपाल में अध्यक्ष मनोहर ममतानी एवं सदस्य राजीव कुमार टंडन ने मानव अधिकार हनन के इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए संबंधित विभागों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
1. कलयुगी पुत्र ने माता-पिता को घर से निकाला
बल्देवबाग स्थित स्टेट बैंक कॉलोनी में एक बुजुर्ग दंपति को उनके पुत्र द्वारा घर से निकाले जाने का मामला सामने आया है। पीड़ित दंपति ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर अपने बेटे पर मारपीट और उत्पीड़न का आरोप लगाया तथा न्याय की गुहार लगाई। इस पर आयोग ने जबलपुर कलेक्टर को मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह के भीतर कार्यवाही का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
2. आदिवासी छात्रावास में पेयजल संकट और घटिया भोजन
जबलपुर जिले की तहसील मझौली स्थित शासकीय बालिका छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने प्रशासन से शिकायत की है कि उन्हें खराब गुणवत्ता वाला भोजन दिया जा रहा है और पीने का साफ पानी भी उपलब्ध नहीं है। छात्राओं ने इस संबंध में जबलपुर कलेक्टर को लिखित शिकायत दी थी, जिसके बाद मानव अधिकार आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जबलपुर कलेक्टर से तीन सप्ताह के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है।
3. वृद्ध, दिव्यांग और विधवा पेंशन से वंचित
सिहोरा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत रानीताल में दर्जनों वृद्ध, दिव्यांग और विधवा नागरिकों को सरकार की ओर से दी जाने वाली भरण-पोषण पेंशन से वंचित रखा गया है। पात्रता रखने के बावजूद भी उन्हें पेंशन न मिलने पर आयोग ने जबलपुर कलेक्टर एवं संयुक्त संचालक, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग से तीन सप्ताह के भीतर मामले की जांच कराकर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा है।
प्रशासन की जिम्मेदारी तय होगी
मानव अधिकार आयोग द्वारा इन मामलों में संज्ञान लिए जाने के बाद संबंधित विभागों की जवाबदेही तय होगी। आयोग ने स्पष्ट किया है कि यदि संतोषजनक कार्यवाही नहीं हुई तो आगे कड़ी कार्रवाई की जाएगी।