पाटन नगर परिषद के कचरा गाड़ी चालक की इलाज के अभाव में मौत

कर्मचारियों को दो माह से नहीं मिली तनख्वाह
पाटन/जबलपुर दर्पण। जिले की पाटन नगर परिषद में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारी एवं कचरा गाड़ी चालक महेंद्र रजक की गुरुवार की रात इलाज के अभाव में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि वे बीते कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे,लेकिन आर्थिक तंगी और वेतन नहीं मिलने के कारण समय पर इलाज नहीं हो सका। साथी कर्मियों ने बताया की महेंद्र रजक बीते दो माह से तनख्वाह नहीं मिलने की मार झेल रहे थे। वे नगर परिषद पाटन के लिए नियमित रूप से डोर टू डोर कचरा गाड़ी चलाने का कार्य करते थे,लेकिन सीएमओ मैडम श्रीमती जयश्री चौहान के द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है,जिससे कई कर्मचारी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। परिवार की हालत इतनी दयनीय थी कि अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे में उनके साथी कर्मचारियों ने आपस में थोड़े-थोड़े पैसे जुटाकर मृतक की पत्नी को सौंपे,ताकि अंतिम संस्कार,खारी,दिन और तेरहवीं जैसे जरूरी सामाजिक रीति-रिवाज पूरे किए जा सकें।
साथियों ने उठाई आवाज
महेंद्र रजक की मौत से नाराज और दुखी उनके सहकर्मियों ने नगर परिषद प्रशासन पर लापरवाही और अमानवीय व्यवहार का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि समय पर तनख्वाह मिलती तो शायद महेंद्र की जान बचाई जा सकती थी। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द से जल्द वेतन भुगतान की व्यवस्था नहीं हुई,तो वे काम बंद कर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
स्थानीय प्रशासन मौन
इस मामले पर नगर परिषद की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। सवाल यह भी उठ रहा है कि जब सफाईकर्मियों से नगर की स्वच्छता की उम्मीद की जाती है,तो उनके जीवन की बुनियादी जरूरतों की अनदेखी क्यों की जाती है।
जब नगर परिषद पाटन सीएमओ श्रीमती जयश्री चौहान से उनका पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कॉल किया गया तो उनका मोबाइल रिसीव नहीं हुआ।




