घटिया निर्माण और सरपंच की तानाशाही
ऐसी जांच और प्रशासन बहुत देखा हूं सरपंच भरौला
उमरिया। पंचायत के चुनाव का बिगुल जैसे ही बजा वैसे ही पंचायतों के ठेकेदार सरपंचों ने अब सरकार और जिला प्रशासन को ही कठघरे मे खड़ा करने लगे है। पुराने कामों को कराने की जल्दबाजी के चक्कर मे घटिया निर्माण को ही मंजूरी दे रहे है। यहां तक तो ठीक अब भरौला ग्राम पंचायत के सरपंच संतोष गुप्ता ने पूरे जिला प्रशासन को ही कठघरे मे लाकर खड़ा कर दिया है। सरपंच का कहना है कि अगर घटिया निर्माण हो रहा तो क्या। उनकी इस बात से साफ जाहिर है कि सरकार के लाख प्रयास के बाद भी पंचायत के कर्ताधर्ता बन कर बैठे सरपंच ग द अपने गांव का भला नही चाहते है।
तालाब निर्माण मे भ्रष्टाचार
ग्राम पंचायत भरौला के मेढ़हा टोला मे एक छोटे से तालाब का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमे गिट्टी की जगह पहाड़ से बीनकर लाये गये पत्थर का उपयोग किया जा रहा है, जो कि अपने समय के साथ किसी वक्त पानी की तरह बह जायेगें। निर्धारित मापदंड के प्रतिकूल निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस संबंध मे जब निर्माण का काम देख रहे मुंशी लल्लू उपाध्याय से बात हुई तो उन्होनें बताया कि इस काम मे 1-12 का मशाला तैयार कर लगाया जा रहा है। मुंशी ने निर्माण स्थल पर मीडिया के सवाल़ो का जबाव देते हुए बताया कि निर्माण संबंधी बोर्ड सरपंच ने नही लगाया है, कितनी लागत है यह जानकारी नही है।
नाबालिकों का शोषण
एक तरफ माननीय न्यायालयों व सरकारें नाबालिकों के संरक्षणों के लिए जमकर पैसा बहा रही। उनका शोषण रोकने हर जिले जनपद को निर्देश दिये लेकिन भरौला सरपंच जैसे व्यक्ति सरकार से लेकर कोर्ट तक के आदेशों को अपनी पोटली मे बांधकर चल रहे है।
इनका कहना है
अगर तालाब बन रहा है और कम मशाला लगा रहे है तो मै क्या करु, संतोष गुप्ता सरपंच, ग्राम पंचायत भरौला