चार करोड़ अजा विद्यार्थियों को मिलेगी 59048 करोड़ रुपए छात्रवृत्ति

भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा ने बैठक में प्रधानमंत्री श्री मोदी के प्रति जताया आभार
मंडला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रीमंडल ने अनुसूचित जाति वर्ग के पोस्ट मैट्रिक विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति को अगले पांच वर्ष में 1100 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 59 हजार 48 करोड़ रुपए करने का निर्णय लिया है। वर्तमान में अजा वर्ग के 60 लाख विद्यार्थियों को यह छात्रवृत्ति मिलती है, लेकिन अब मोदी सरकार इस वर्ग के चार करोड़ बच्चों को छात्रवृत्ति के दायरे में लाएगी। इसके अलावा सरकार बीते वर्षों में स्कूल छोड़ने वाले एक करोड़ 36 लाख बच्चों को वापस स्कूल लाने के लिए घर-घर संपर्क अभियान चलाएगी।
अनुसूचित जाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष श्री महेंद्र झारिया एवं पूर्व जिलाध्यक्ष इंजीनियर जुगल किशोर बघेल ने केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत का आभार व्यक्त किया। श्री झरिया व बघेल ने बतलाया कि अजा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए मंत्रीमंडल ने 59 हजार 48 करोड़ रुपए के कुल निवेश का अनुमोदन किया है जिसमें केंद्र सरकार 35 हजार 534 करोड़ रुपए (60 प्रतिशत) खर्च करेगी और शेष राशि राज्य सरकारों द्वारा खर्च की जाएगी। इससे अनुसूचित जाति के विद्यार्थी उच्चतर शिक्षा को सफलतापूर्वक पड सकेंगे।
छात्रवृत्ति का समय पर होगा भुगतान
अनुसूचित जाति से संबंधित विद्यार्थियों के लिए केंद्र प्रायोजित मैट्रिकोत्तर छात्रवृत्ति (पीएमएस-एससी) योजना बड़े और रूपांतरात्मक परिवर्तनों के साथ अनुमोदित की है। मंत्रीमंडल ने इस स्कीम के उपयुक्त कार्यान्वयन पर जोर दिया है ताकि समय पर भुगतान किया जा सके, व्यापक जवाबदेही, निरंतर निगरानी और पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। गरीब से गरीब परिवारों के 10वीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को अपनी इच्छानुसार उच्चतर शिक्षा पाठ्यक्रमों में नामित करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। अनुमान है कि 1.36 करोड़ ऐसे सबसे गरीब छात्र जो वर्तमान में 10वीं कक्षा के बाद अपनी शिक्षा को जारी नहीं रख सकते हैं, को अगले पांच वर्षों में उच्चतर शिक्षा प्रणाली के अंतर्गत लाया जाएगा। स्कीम का लाभ विद्यार्थियों को सीधे बैंक खाते के माध्यम से पहुंचाया जाएगा।
कांग्रेस सरकारों ने की उपेक्षा
आयोजित बैठक में मोर्चा अध्यक्ष महेंद्र झरिया ने कहा 1944 में अजा वर्ग के पोस्ट मैट्रिक विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति शुरू की गई। इसके बाद देश में 57 साल और मध्यप्रदेश में 45 सालों तक कांग्रेस की सरकारें रहीं। आर्थिक तंगी और असुविधाओं के कारण अनुसूचित जाति के करोड़ों बच्चों ने पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी, लेकिन सरकारों ने इस बात की चिंता नहीं की कि ये बच्चे स्कूल क्यों छोड़ रहे हैं? यदि कांग्रेस की सरकारों ने इस बात की चिंता की होती, तो करोड़ों बच्चे शिक्षा पूरी होने से पहले स्कूल नहीं छोड़ते। कांग्रेस सालों तक अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करती रही है।