पांच साल से बिना डाक्टर के चल रहा अस्पताल विभाग कर रहा तीसरी लहर की तैयारी
बाउंड्रीवॉल व पानी तक उपलब्ध नहीं करा पा रहे अधिकारी, शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बड़गांव का मामला
संवाददाता बिंजन श्रीवास कटनी/रीठी दर्पण। मरीज के लिए डॉक्टर भगवान का रूप होता है, बीमारी से मुक्ति दिलाने की एक उम्मीद होती है उसके दर्द को बांटने का एक जरिया होता है लेकिन इस अस्पताल की कहानी ही कुछ और है। एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के दावे कर रही है, और कोरोना वैश्विक महामारी की तीसरी लहर से निपटने की तैयारियों में लगी हुई है। तो वहीं दूसरी तरफ इस अस्पताल मे करीब पांच साल से एक भी डाक्टर नही हैं। अस्पताल पूरी तरह बदहाल है, आइये आपको बताते हैं इस सोते अस्पताल की हकीकत…
हम बात कर रहे हैं कटनी जिले की रीठी विकासखंड के अंतर्गत बड़गांव में संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जहां अव्यवस्थाऐं हावी हैं। यहां ना तो डॉक्टर है और ना ही जरूरतमंद स्टॉफ है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है, यहां आने वाले मरीजों को पीने के लिए पानी और पर्याप्त संसाधन भी मौजूद नहीं हैं। देखकर ऐसा लगता है कि अस्पताल खुद बीमार है और इसे इलाज की दरकार है। यह बीमारू स्वास्थ केंद्र अपनी स्थिति को खुद बयां कर रहा है।
उपचार के नाम पर रेफर टू रीठी-बताया गया कि इलाज कराने आने वाले मरीजो को बड़गांव के इस अस्पताल मे सुविधाए न होने के कारण उपचार के नाम सिर्फ रेफर टू रीठी ही मिलता है। ग्रामीणो ने बताया कि 8 हजार की जनसंख्या वाले ग्राम पंचायत बड़गांव मे संचालित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे लगभग पांच वर्षो से एक भी चिकित्सक की नियुक्ति नही की गई है। जिसके चलते लोगो को इलाज मुहैया नही हो पा रहा है।
नवनिर्मित भवन का भी बुरा हाल, ना चौकीदा न बाउंड्री वॉल-वाहवाही लूटने के लिए इस अस्पताल को नव निर्मित भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है लेकिन वहां के भी बुरे हाल है। सुरक्षा की दृष्टि से बाउंड्री वॉल नहीं बनाई गई है। जिसके कारण पूरा परिसर खुला हुआ है और अनहोनी की आशंका बनी रहती है। श्मशान घाट के पास बने इस दस बिस्तर वाले प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में स्टाफ को रहने के लिए कमरे तो बनाये गये हैं, लेकिन सूनसान इलाका और बिना बाउंड्री वॉल और बिना चौकीदार। अब ऐसी स्थिति मे अकेले महिला कर्मचारी रहने में असमर्थ और खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं।
बढाने की जगह घटा दिया स्टाफ, जरूरी उपकरण भी नहीं-जिले की रीठी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़गांव में संचालित शासकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं और जिम्मेदारों के उदासीन रवैये से ग्रामीण जन बेहद परेशान हैं। विदित हो कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बड़गांव में वर्षों से स्वीपर, बार्डबाय, लेबटेक्नीशियन, आपरेटर, लेखापाल, नर्स, स्टोर कीपर, डाक्टर सहित करीब आधा दर्जन से अधिक पद रिक्त हैं जिनमें आज तक किसी को भी नियुक्त नहीं किया गया है, जबकि कुछ चहेते कर्मचारियों को रीठी अस्पताल में अटैच कर मलाईदार पद सौंप दिए गये हैं। सवाल यह उठ रहा है कि कोरोना काल जैसे समय में भी लोगों स्वास्थ्य सुविधा के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है तो वहीं जिम्मेदार अपनी रेवड़ी सेंकने में लगे हुए हैं।
वर्तमान में एक कम्पाउंडर, एक स्टाफ नर्स, एक एएनएम, एक ड्रेसर व दो प्राइवेट सफाई कर्मचारी के भरोसे चल रहे इस स्वास्थ्य केन्द्र की व्यवस्थाओं की सुध लेने के लिए कभी कोई भी अधिकारी नहीं आते।इन सभी समस्याओं के बावज़ूद यहां पदस्थ अधिकारियों के कृपापात्र कर्मचारियों को रीठी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में अटैच कर मालाईदार पद सौंप दिए गये है। पहले से ही स्टाफ की कमी के कारण ग्रामीणों को इलाज नहीं मिल पा रहा था और अब रीठी बीएमओ की मनमानी के कारण यहां पदस्थ कर्मचारियों के अटैच करने से परेशानी और बढ़ गई है।
न डाक्टर, न दवाईयां सिर्फ नाम का अस्पताल-रीठी तहसील की दूसरी सबसे बड़ी ग्राम पंचायत होने के कारण इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में करीब दो दर्जन से अधिक गांवों के लोग आश्रित हैं। जानकारी देते हुए अरविंद बर्मन, गुड्डू, अशोक रैकवार, आभाष जैन, आशीष जैन, छोटू बर्मन ब्रजकिशोर ने बताया कि यहां न तो डाक्टर मिलते हैं और न ही जरूरी दवाइयां मिलती हैं। आलम यह है कि इस अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं स्ट्रेचर पर नजर आती हैं। यहां स्वास्थ्य इलाज के नाम पर सिर्फ रैफर टू रीठी – कटनी बनकर रह गया है। ग्रामीणों की मानें तो उन्होंने अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओं और पर्याप्त इलाज न मिलने के बारे में कई बार शिकायत की लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी की वजह से रीठी बीएमओ की मनमानी बढ़ती जा रही है। जिसके कारण यहां दिनों दिन व्यवस्थाएं बेपटरी होती जा रही हैं और लोगों को इलाज के लिए भटकते हुए निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है। ग्रामीणों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं को दूर करते हुए डाक्टर सहित रीठी अस्पताल में अटैच कर्मचारियों से बड़गांव स्वास्थ्य केन्द्र मे सेवा दिलाये जाने की मांग की है।
तीसरी लहर की तैयारीयों पर उठ रहे सवाल-एक ओर जहां केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना वैश्विक महामारी की तीसरी लहर से बचने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग द्वारा बीमारी से निपटने की जोर-शोर से तैयारीयां की जा रही है। तो वही दूसरी ओर बड़गांव का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लगभग पांच वर्षो से चिकित्सक विहीन चल रहा है। अब सवाल यह खड़े हो रहे है कि बिना डाक्टर के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैसे कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी से जंग जीती जा रही है और खूब बाहवाही लूटी जा रही है। ग्रामीणो का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर की तैयारी के नाम पर कागजी खानापूर्ति कर रहा। लोगो के आरोप भी लाजिमी है जब अस्पताल मे चिकित्सक ही नही है तो उपचार कैसा। जब इस पूरे गंभीर मामले को लेकर रीठी बीएमओ से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव करना उचित नही समझा।