निगमीकरण के विरोध में जनमतसंग्रह
जबलपुर र्दपण। जीसीएफ में कार्यरत ऑर्डीनेंस फैक्ट्री कर्मचारियों अधिकारियों ने ऑर्डीनेंस फैक्ट्रीयों को निगमीकरण कर सात अलग-अलग कंपनियों में बांटे जाने पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए जनमत संग्रह किया। यह जनमत संग्रह ऑल इंडिया डिफेंस एंप्लाइज फेडरेशन, बीपीएमएस, एआई, बीडीईएफ तथा सीडीआरए के आवाहन पर पूरे भारत की 41 ऑडनेंस फैक्ट्री में आयोजित किया जा रहा है। जीसीएफ मजदूर संघ हथौड़ा, श्रमिक संघ मिले हाथ, एससी एसटी डिफेंस एंप्लाइज काउंसिल, श्रमिक सेवा संघ, सुपरवाइजर एसोसिएशन, क्लेलिरिकल एसोसिएशन, हेल्थ वर्कर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने ऐतिहासिक एवं अभूतपूर्व एकजुटता प्रदर्शित करते हुए जीसीएफ के तीनों गेटों पर कर्मचारियों से जनमत संग्रह कराया। ऑर्डीनेंस फैक्ट्रीयों के निगमीकरण के विरोध तथा रिटायरमेंट तक सरकारी कर्मचारी बने रहने के लिए सभी अधिकारियों कर्मचारियों ने सफेद बॉक्स में अपना वोट डाला । जो कर्मचारी शिफ्ट ड्यूटी, नाइट ड्यूटी या फैक्ट्री से बाहर कार्यरत थे उन सभी कर्मचारीयों ने घर से वापस आकर तथा फैक्ट्री गेट पर वोट डाला। काला बॉक्स अंत तक खाली ही रहा। जीसीएफ में कार्यरत 2308 अधिकारियों कर्मचारियों में से 1937 ने अपने मत का प्रयोग किया। शहर से बाहर प्रतिनियुक्ति ट्रेनिंग पर गए कर्मचारी तथा अधिसंख्य अधिकारी वर्ग ने वोट नहीं डाला । जीसीएफ के कार्यबल की संख्या के आधार पर 83.22% कर्मचारियों ने ऑर्डिनेंस फैक्ट्रियों के निगमीकरण के विरोध में अपना मत प्रकट किया, जबकि निगमीकरण के समर्थन में 0% कर्मचारी रहे। ज्ञात हो विगत समय में इंटक के द्वारा निगमीकरण के समर्थन में दिए गए पत्र को आधार बनाकर निगमीकरण की प्रक्रिया में अचानक तेजी आई है। संपूर्ण कर्मचारी जगत इंटक के इस कदम से रुष्ट है। तथा कर्मचारियों में असंतोष गहराया है। कर्मचारियों ने अपने जनमत संग्रह से रक्षा मंत्रालय को यह बताने का प्रयास किया है कि एक बीमारू सलाह के आधार पर देश की रक्षा तैयारियों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है साथ ही देश के 80000 कर्मचारियों एवं उनके परिजनों के भविष्य को दांव पर लगा दिया गया है। मिठाई लाल रजक, रोहित यादव , संजय मिश्रा, राकेश रजक , राजेश जंभुलकर, गुलाब चौधरी , अजय शरद, होरीलाल, दीपक, भगवानदीन, संजीव इत्यादि पदाधिकारियों ने जनमत संग्रह में सहयोग के लिए सभी अधिकारियों कर्मचारियों का आभार प्रकट किया।