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मोजर बेयर पॉवर प्लांट बना गरीब मजदूरों के शोषण का अखाड़ा,मजदूरों ने किया सीटू कार्यालय में शिकायत

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अनूपपुर/जैतहरी

मोजर बेयर पावर प्लांट जैतहरी में काम किए मजदूरों ने दिन शुक्रवार को सुबह संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन सीटू कार्यालय पहुंचकर शिकायत किया कि मोजर बेयर पॉवर प्लांट में कार्यरत ठेकेदार साईं कृपा जोकि सीएचपी साईट में मैकेनिकल जॉब का रिपेयरिंग का कार्य करवा रहा था। मजदूरों ने बताया कि ठेकेदार के द्वारा हम लोगों से 12 से 14 घंटा काम लिया गया है एवं मजदूरों को जो अकुशल श्रमिक हैं उनको ₹425 एवं कुशल श्रमिक को ₹625, 12 से 14 घंटा काम करने के बदले मजदूरी का भुगतान किया गया है। जोकि मध्य प्रदेश शासन के द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन से बहुत कम है मजदूरों के शिकायत और समस्त कार्यों के संबंध में संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन (सीटू) जिला – अनूपपुर के अध्यक्ष कामरेड जुगल किशोर राठौर के द्वारा ठेकेदार से बात किया गया साथ ही मजदूरों को बकाया मजदूरी का भुगतान किए जाने का अनुरोध किया गया। मजदूरों और कामरेड जुगुल किशोर राठौर ने बताया कि हमारे द्वारा ठेकेदार को सभी बातों को बताते हुए जानकारी देते हुए अनुरोध किया गया लेकिन प्रशासन एवं मैनेजमेंट के शह पर लूट मचाने वाले ठेकेदार द्वारा मजदूरों का मजदूरी भुगतान करने से मना करते हुए भुगतान नहीं करेगें और हम भुगतान के लिए तैयार नहीं हैं कहा। उल्टा मजदूरों के ऊपर यह आरोप लगाया जा रहा है कि मजदूरों ने स्टोर से काम करने के लिए जो टूल्स स्वीकृत करवाया है उसका क्लीयरेंस नहीं है। प्रश्न उठता है कि जब मजदूर कम मजदूरी प्राप्त कर चुप हो जाता है और ठेकेदार का शोषण का शिकार हो जाता है तब ठेकेदार मजदूरों से खुश रहता है यदि मजदूर मध्य प्रदेश शासन के द्वारा निर्धारित न्यूनतम वेतन की मांग करता है तो ठेकेदार मजदूर का मुंह बंद करने के लिए मनगढ़ंत एवं झूठा आरोप लगाता है। कामरेड जुगल किशोर राठौर ने बताया मजदूरों का बकाया मजदूरी का भुगतान करवाए जाने के लिए प्रमुख सेवा आयोजक अर्थात मोजर बेयर पॉवर प्लांट के प्रबंधन आर.के. खटाना से संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु तानाशाह प्रबंधन फोन रिसीव करना भी जरूरी नहीं समझता क्योंकि उसे पता है कि उसके टुकड़े पर जीने वाले जिला प्रशासन और श्रम विभाग के अधिकारी उसके इशारे पर ही नाचने को तैयार हैं। आखिर मजदूर यूनियन के प्रतिनिधि का बात क्यों सुने।कामरेड जुगल किशोर राठौर ने बताया कि इसके संबंध में मोजर बेयर पॉवर प्लांट के ही प्रबंधन गौरव पाठक से भी शिकायत किया गया है अब देखना यह है कि प्रबंधन कितना तत्पर है मजदूरों के बकाया मजदूरी का भुगतान करवाए जाने के लिए। उन्होंने बताया कि अब मोजर बेयर पावर प्लांट में अमरकंटक ताप विद्युत परियोजना चचाई की भांति एक मजदूर पूरे महीना काम करता है और उसके हाजरी कार्ड में 15 दिन का काम का हाजिरी भरा जाता है और बाकी दिनों का हाजिरी ठेकेदार अपने खास आदमी के नाम से भर कर मजदूर का मजदूरी हड़प कर मजदूर का जमकर शोषण करता है। क्योंकि बेरोजगारी से तंग मजदूर जिसे काम की भी चिंता बनी रहती है और इधर मजदूरी का भी वह करे भी तो क्या। अपने हक के लिए यदा – कदा मजदूर ही विरोध कर पाते हैं नहीं तो ठेकेदार के शोषण का शिकार हो जाते हैं।

पारिवारिक जीवन चलाने वाले और घर कि जिम्मेदारी उठाने वाले हैं मजदूर

मजदूरों द्वारा बताया गया कि हम में से आधे से अधिक मजदूर अपनी इस कमाई के सहारे अपने घर की और अपनी संपूर्ण जिम्मेवारी और जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं। इसी पैसे से हमें किसी की बीमारी ठीक करनी है तो किसी के जरूरतों को पूरा करना है तो खाना भी इसी पैसे से खाना और खिलाना है साथ ही भरण पोषण के लिए रोजमर्रा की जिंदगी में रोज उपयोग होने वाले जरूरत और सामान की भी पूर्ति इसी से करनी होती है अपने बच्चों कि खुशी भी इसी पैसे से देनी है यदि इस तरह से शोषण किया जाएगा तो हम मजदूर गरीबों का क्या होगा। इस मंहगाई में एक तरफ जीवन चलाना मुश्किल हो रहा है तो दूसरी तरफ ऐसे लूटने वाले ठेकेदार अपने जीवन को ऐसों आराम से जीने के लिए मजदूरों के खून पसीने की कमाई को दीमक कि तरह चाटने का काम भी बखूबी करते हैं। क्या उनके बच्चे और परिवार नहीं है यदि है तो यहां वह जो भी कर ले पर भगवान के घर में देर है अंधेर नहीं जिस दिन उनकी लाठी चली तो उनके लाठी में आवाज नहीं होती और दर्द बहुत ज्यादा होती है। किसी गरीब के खून पसीने कि कमाई को खाकर वह कितने भी अमीर हो जाएं पर गरीब का श्राप लगता है तो उससे कहीं ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ता है।

इनका कहना है

इन सब बातों को मीडिया के टीम द्वारा जब मोजर बेयर पावर प्लांट के प्रबंधन आर.के. खटाना के संज्ञान में लाते हुए जानकारी चाहने के लिए दूरभाष के द्वारा सम्पर्क करनी चाही तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

इनका कहना है

इस संबंध में जब श्रम विभाग के अधिकारी से दूरभाष के माध्यम से संपर्क करना चाहा गया तो उनका भी नंबर नहीं लगा।

इनका कहना है

मजदूरों द्वारा कार्यालय में आकर शिकायत की गई है जिसे तत्परता से संज्ञान में लेते हुए ठेकेदार से बात की गई पर उसने शेष राशि भुगतान कराने के लिए साफ इनकार कर दिया।

कामरेड जुगल किशोर राठौर
संयुक्त ठेकेदारी मजदूर यूनियन (सीटू) जिला – अध्यक्ष

इनका कहना है

ठेकेदार द्वारा मजदूरों का शोषण करते हुए उनके खून पसीने की कमाई को खाना एक शौक हो गया है भुगतान न कराने और मजदूरों का पैसा खाने के लिए ठेकेदार द्वारा मनगढ़ंत कहानी बनाकर मजदूरों को फंसाया जा रहा है।

कार्य किए हुवे मजदूर
ठेकेदार साईं कृपा

इनका कहना है

इन सब बातों के लिए मीडिया के टीम ने जब मोजर बेयर पावर प्लांट के प्रबंधन से दूरभाष के द्वारा बात करनी चाही तो उनका फोन रिसीव नहीं हुआ।

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