जबलपुर दर्पणमध्य प्रदेश

महात्मा गांधी का दर्शन आज भी प्रासंगिक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

जबलपुर दर्पण। महात्मा गांधी का दर्शन आज भी प्रासंगिक विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। महाकौशल शहीद स्मारक ट्रस्ट, हितकारिणी सभा तथा हितकारिणी महिला महाविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस संगोष्ठी में गांधीवादी विचारक मदन तिवारी, पूर्व विधायक नित्य निरंजन खम्परिया, हितकारिणी सभा के मंत्री बाबू विश्वमोहन, जयसिंह राव गायकवाड़, वरिष्ठ पत्रकार मोहन शशि, इंदिरा तिवारी पाठक तथा अर्जुन अवॉर्डी मधु यादव मंचासीन रहीं। कार्यक्रम के प्रारंभ में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ मुनीश्वर डाबर, कृपाशंकर वर्मा, राजेंद्र जैन, शीतल जैन, केके अग्रवाल, रमजान खान, सज्जाद हुसैन, ओंकार सिंह यादव, भगतराम सिंह, डॉ प्रशांत मिश्रा, शारदा यादव, मनोहर झामनदास, नितिन अग्रवाल, गंगाचरण मिश्र तथा काशी प्रसाद शर्मा को सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के विषय पर उद्बोधन देते हुए पूर्व विधायक नित्यनिरंजन खम्परिया ने कहा कि जब तक दुनिया का अस्तित्व रहेगा तब तक गांधीजी प्रासंगिक रहेंगे। गांधी दर्शन का सबसे ज्यादा असर महाकौशल संभाग में जबलपुर में हुआ जिसके परिणाम स्वरूप हजारों की संख्या में लोग स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे। पं. खम्परिया ने कहा कि आज 170 राष्ट्रों में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगी है, इधर अपने ही देश में गांधी के बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है जिससे बचना चाहिए। वहीं, गांधीवादी विचारक मदन तिवारी ने कहा कि महात्मा गांधी इस देश की पहचान हैं। द्वि-राष्ट्रवाद के दौर में जहां एक ओर मुस्लिम तो राष्ट्र तो बन गया, वहीं दूसरी ओर हमने हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र नहीं माना। उन्होंने कहा कि गोडसेवादियों द्वारा आज भी गांधी की हत्या की जा रही है।
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए इंदिरा तिवारी पाठक ने कहा कि बापू युगधर्म थे, उनके जीवन दर्शन में अहिंसा सबसे बड़ा शस्त्र और सत्य सबसे बड़ा आचरण है। उन्होंने कहा कि हम बापू के राम को जानते हैं। बापू आज भी प्रासंगिक हैं और उनके राम भी प्रासंगिक हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार मोहन शशि ने काव्य पाठ के माध्यम से महात्मा गांधी के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार गंगाचरण मिश्र ने कहा कि हर व्यक्ति में यदि गांधी जी का थोड़ा सा भी अंश समाहित हो जाए तो समाज की दिशा ही बदल जाएगी। उन्होंने लोगों से बापू के जीवन दर्शन को आत्मसात करने का आह्वान किया।

हितकारिणी सभा के मंत्री बाबू विश्वमोहन ने अपने उद्बोधन में कहा कि महात्मा गांधी ने ही सबसे पहले नारी शक्ति और नारी शिक्षा की नींव रखी थी। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उपयोग समाज में व्याप्त अंधविश्वास को दूर करने में किया जाना चाहिए, साथ ही जीवन का उद्देश्य हमेशा बड़ा रखना चाहिए। कार्यक्रम का सफल संचालन कीड़ा अधिकारी संजय सिंह राठौर ने किया कार्यक्रम में कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुनीता बजाज डॉक्टर आरती झारिया प्रोफेसर आशीष मालपानी प्रोफेसर छाया दुबे प्रोफेसर फरहान खान प्रोफेसर प्रतीक्षा नामदेव प्रोफेसर पूजा मिश्रा प्रोफेसर अंजली ठाकुर प्रसाद अभिलाषा मिश्रा प्रोफेसर डॉक्टर सुनंदा जैन का विशेष सहयोग रहा

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