संपादकीय/लेख/आलेख

परेशानियाँ बेचारी

अगर हमारे जीवन में सदैव सकारात्मकता रहेगी तो कोई भी किसी तरह की कही भी कुछ भी परेशानियाँ हो वो हमारे पास
नहीं आ सकेगी । क्योंकि हमारे पास सकारात्मकता का ऐसा कवच है जो हमको वह प्रभावित नहीं कर सकता है । परेशानियाँ और बाधाएँ दुःख देने के लिए नहीं बल्कि हमें सदैव सतर्क करने के लिए आती हैं।सतर्कता से ही सभी बाधाएँ पार की जा सकती हैं ।जीवन में अनुभव ज्ञान तय करता है । क्या कहना चाहिए यह हमारा कौशल तय करता है । कैसे कहें यह हमारी प्रवृत्ती तय करती है । कितना कहना चाहिए यह हमारी बुद्धिमत्ता तय करती
है कहें या ना कहें ? जीवन की मुसीबतों समस्याओं और विकट परिस्थितियों से आदि – आदि हो उस समय सदैव अपनी उम्मीद की टोकरियाँ खाली कर दीजिये , मन की चंचलता पर तुरन्त सही लगाम लगा दीजिए , हठधर्मी करना भूल जाइए , क्षमाशील बने रहिए , सब समय सबके सहायक बने रहिए आदि – आदि इसी तरह की और प्रवृति से जुड़ते जाइए तो परेशानियाँ आते ही गुमराह होने लगेगी । क्योंकि हमने सही से इसका समुचित प्रबन्धन कर लिया हैं ।जैसे शिशु का जन्म ही प्रसव पीड़ा से होता है। जन्मते ही शिशु के रुदन में जीवन का स्पंदन छिपा होता है। अतः परेशानियाँ का जीवन में सही से समुचित प्रबन्धन रहेगा तो जिन्दगी हमारी खुशहाल रहेगी और परेशानियाँ बेचारी चली जायेगी ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page