नई दिल्ली

सेना में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार बना रही है योजना

भारतीय सेना में महिलाओं की संख्या बढ़ाने की योजना बनाई गई है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि जुलाई 2022 से राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, पुणे में प्रति वर्ष महिला कैडेटों के लिए 20 रिक्तियां आवंटित की गई हैं। उन्होंने कहा कि शॉर्ट सर्विस कमीशन में महिलाओं के लिए 90 रिक्तियां हैं, जिसमें जून 2023 से 10 अतिरिक्त रिक्तियां भी शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया, मार्च 2023 से आर्टिलरी इकाइयों के साथ-साथ रिमाउंट और पशु चिकित्सा कोर में भी महिला अधिकारियों को शामिल करने की मंजूरी दे दी गई है।  आर्मी एविएशन में पायलट के रूप में महिला अधिकारियों का प्रवेश जून 2021 से शुरू हुआ। 

महिला अधिकारियों की कुल संख्या 1700 के पार-सेना के मेडिकल कैडर में 1 जुलाई, 2023 तक महिलाओं की कुल संख्या आर्मी मेडिकल कोर में 1,212 है, आर्मी डेंटल कोर में 168, मिलिट्री नर्सिंग सर्विस में 3,841 है। केंद्रीय मंत्री भट्ट ने कहा कि 1 जनवरी, 2023 तक भारतीय सेना (एएमसी, एडीसी और एमएनएस को छोड़कर) में महिला अधिकारियों की कुल संख्या 1,733 है।

कोई रक्षा ऑफसेट दायित्व पिछले पांच वर्षों में नहीं हुआ समाप्त-रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि पिछले पांच वर्षों के दौरान कोई भी ऑफसेट दायित्व समाप्त नहीं हुआ है। सरकार ने कहा कि रक्षा ऑफसेट दायित्वों की कीमत 6.85 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिसके लिए दावे प्रस्तुत किए गए हैं। भारत की ऑफसेट नीति के तहत, 2,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक के सभी अनुबंधों के लिए विदेशी रक्षा संस्थाओं को कलपुर्जों की खरीद, प्रौद्योगिकियों के हस्तांतरण या अनुसंधान की स्थापना के माध्यम से भारत में कुल अनुबंध मूल्य का कम से कम 30 प्रतिशत खर्च करना अनिवार्य है। हालांकि ऑफसेट ‘फास्ट ट्रैक प्रक्रिया’ के तहत खरीद पर और ‘विकल्प खंड’ मामलों में लागू नहीं होते हैं, यदि मूल अनुबंध में इसकी परिकल्पना नहीं की गई थी। इसके अलावा,अंतर-सरकारी समझौतों के तहत अनुबंधों में कोई ऑफसेट लागू नहीं होता है। सभी ऑफसेट अनुबंधों का कुल मूल्य 13.21 अरब अमेरिकी डॉलर है।

डिफॉल्ट होने पर दंडात्मक कार्रवाई-भट्ट ने कहा कि लागू रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत रक्षा ऑफसेट दिशानिर्देशों के प्रासंगिक प्रावधानों के अनुसार डिफॉल्ट विक्रेताओं के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाती है। उन्होंने कहा, मौजूदा रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत रक्षा ऑफसेट दिशानिर्देशों में ऑफसेट की गुणवत्ता का आकलन बोली मूल्यांकन मानदंड के रूप में प्रदान नहीं किया गया है।

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