लोकसभा चुनाव पर मोदी सरकार की नजर, 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने पर फैसला संभव
इस वर्ष के आखिर में कई बड़े राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाला है तो 2024 में लोकसभा चुनाव है. ऐसे में मोदी सरकार देश के 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को छह महीने के लिए और चुनाव संपन्न होने तक जून 2024 तक के लिए एक्सटेंड कर सकती है जिससे प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी का लगातार तीसरी दफा प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो सके ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक 24 बिलियन डॉलर वाली प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को जून 2024 तक के लिए एक्सटेंड किया जा सकता है जिसकी मियाद 31 दिसंबर 2023 को खत्म हो रही है. रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल इस विषय पर चर्चा की जा रही है जो कि प्राइवेट है लेकिन इसपर आखिरी फैसला प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से आने वाले दिनों में लिया जाएगा अधिकारियों ने बताया कि इस योजना को एक्सटेंड करने पर बहुत ज्यादा खर्च नहीं आएगा और इस खर्च को बजट आवंटन के जरिए वहन कर लिया जाएगा. दरअसल प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पहले 31 दिसंबर 2022 को खत्म हो रही थी. लेकिन योजना को नए स्वरुप में एक जनवरी 2023 से शुरुआत की गई जिसके तहत अंत्योदय अन्न योजना और प्राइमरी हाउसहोल्ड लाभार्थियों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने के लिए नए एकीकृत खाद्य सुरक्षा स्कीम को एक जनवरी 2023 से रोलआउट किया गया. योजना के तहत 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज देने की घोषणा की गई.
बाद में सरकार ने कहा कि इस योजना का नाम भी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना रखा गया है. इस योजना के तहत 31 दिसंबर 2023 तक मुफ्त अनाज दिया जाना है. लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए योजना को 30 जून 2024 तक के लिए एक्सटेंड किया जा सकता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस विषय पर कुछ भी नहीं कहा है कोरोना महामारी के पहले चरण में 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को लॉन्च किया गया था. बाद में योजना को एक्सटेंड कर दिया गया. 10 राज्यों में जो विधानसभा चुनाव हुए उसमें से 7 में सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी को इसका फायदा हुआ. इस वर्ष के आखिर में पांच राज्यों में विधासनभा चुनाव होने हैं दिसंबर में जब योजना को नए कलेवर के साथ लॉन्च करने का ऐलान किया गया तब सरकार ने कहा था कि 2023 में खाद्य सुरक्षा कानून और दूसरे वेलफेयर स्कीम के तहत मुफ्त अनाज उपलब्ध कराने पर सरकार के खजाने पर 2 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा पर योजना का गरीबों को बड़ा फायदा पहुंचेगा.