वामपंथी उग्रवाद को अगले 2 साल में पूरी तरह समाप्त कर देंगेः अमित शाह

दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को नई दिल्ली में वामपंथी उग्रवाद की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।बैठक के दौरान वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री व अन्य संबंधित अधिकारीगण को आश्वस्त करते हुए शाह ने स्पष्ट किया कि, ‘वामपंथी उग्रवाद को अगले 2 सालों में पूरी तरह समाप्त कर देंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के कुशल मार्गदर्शन में पिछले कुछ वर्षों में वामपंथी उग्रवाद पर नकेल कसने में बेहतरीन उपलब्धि हासिल हुई है। देश की जनता इस बात की गवाह हैं कि दृढ़ निश्चय वाले नेता शाह की सटीक रणनीतियों और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित सभी राज्यों के सहयोग से साल 2022 और 2023 में इस समस्या के खिलाफ बड़ी सफलताएँ प्राप्त हुई हैं। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के नए शिविर की स्थापना, उनकी तैनाती अमित शाह की योजनाओं की प्राथमिकता है। वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हुए क्षेत्रों में भी लगातार निगरानी रखी जा रही है ताकि वहाँ फिर से यह समस्या उत्पन्न ना हों।
मोदी सरकार में शाह की नीतियों के तहत वामपंथी उग्रवाद के वित्तीय पोषण को ध्वस्त करने के लिए केंद्र और राज्यों की एजेंसियाँ साथ मिलकर काम कर रहे हैं। साल 2005 से 2014 के मुकाबले साल 2014 से 2023 के बीच वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा में 52 प्रतिशत से अधिक की कमी, मृत्यु में 69 प्रतिशत की कमी, सुरक्षा बलों की मृत्यु में 72 प्रतिशत की कमी और नागरिकों की मृत्यु में 68 प्रतिशत की कमी आई है। वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों में विकास को गति देने के लिए सड़क निर्माण, दूरसंचार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।
शाह ने वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ शुरुआत से ही जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई हुई है, जिसके परिणामस्वरूप साल 2022 में बीते 4 दशकों के मुकाबले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में सबसे कम हिंसा और मौतें दर्ज की गई हैं। वामपंथी उग्रवाद देश में कई दशकों से एक चुनौती के रूप में व्याप्त रहा है। 2 वर्षों के अंदर वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह समाप्त करने के संकल्प के इस वर्ष में ऐसा लगता है कि अब यह लड़ाई निर्णायक दौर में आ चुकी है। नक्सलवाद को मानवता के लिए अभिशाप मानने वाले भाजपा के दिग्गज नेता शाह इसके सभी रूपों को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध हैं।