अंतर हितकारिणी सांस्कृतिक महोत्सव का समापन
जबलपुर दर्पण। तेरा नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम…, नर्मदा मैया हो विजय को डंका बाजै…., कान्हा खेल होरी, होली खेले नंदलाल…, आज मोहे रंग दो श्याम….., आधा है चंद्रमा, आधी है रात…., पंख होते तो उड़ आती रे जैसे पुराने फिल्मी एवं छत्तीसगढ़ी, करमा, बुंदेलखंडी, हरियाणवी, पंजाबी, मराठी, बघेली लोक नृत्यों को देखकर दर्शक झूम उठे। अवसर था शहीद स्मारक गोल बाजार के सेठ गोविंददास रंगमंच में विद्या परिषद द्वारा आयोजित अंतर हितकारिणी सांस्कृतिक महोत्सव का, जिसमें हितकारिणी सभा द्वारा संचालित 23 से अधिक स्कूल, कॉलेजों के स्टुडेंट्स ने अपनी सहभागिता दी।प्रतियोगिता में प्रायमरी और मिडिल स्तर के छोटे बच्चों की नृत्य प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र रही। निर्णायकों और दर्शकों ने उनके सुर, ताल और लय की मुक्त कंठ से तारीफ की। शिव तांडव के प्रदर्शन ने रंगमंच को जीवंत बना दिया। ग्रामीण परंपरागत नर्मदा तट, पनघट का दृश्यांकन, पारिवारिक हास्य विनोद, हंसी मजाक, मेलों के दृश्यों को प्रतिभागियों ने लोकनृत्य के माध्यम से दर्शकों के सामने रखा। निर्णायक मंडल द्वारा प्रतिभागियों के मेकअप, केश सज्जा और वस्त्र सज्जा को सराहा गया। कार्यक्रम में 6 कॉलेज, और 17 स्कूलों के प्राथमिक, मिडिल और हायर स्तर के छात्रों ने भाग लेकर गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते।
इस अवसर पर हितकारिणी सभा के अध्यक्ष नित्यनिरंजन खंपरिया, वरिष्ठ सदस्य योगेशचंद उपरीत, विद्या परिषद के उपाध्यक्ष इंद्रपाल जैन, सचिव जयेश राठौर, डॉ केके हूंका, रमेश श्रीवास्तव, अशोक गुप्ता, शिवदत्त मिश्रा, नवनीत माहेश्वरी, संयोजक नरेश तिवारी, दिनेश सिंह राठौर, सीएस खंपरिया सहित विभिन्न स्कूल कॉलेजों के प्राचार्य और स्टाफ उपस्थित रहे।