नई दिल्ली

एमएसएमई को 45 दिन के अंदर भुगतान के विषय पर वित्त मंत्री श्रीमती सीथारमन से खंडेलवाल ने की मुलाक़ात

नई दिल्ली। आय कर के क़ानून 43(बी)एच को लेकर दिल्ली सहित देश भर के व्यापारियों में उपजी चिंताओं को लेकर कनफ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट)के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन से आज उनके कार्यालय में मुलाक़ात की । खंडेलवाल ने इस विषय पर एक ज्ञापन देकर कहा कि देश का व्यापारी वर्ग सरकार के इस कदम का स्वागत करता है जी व्यापारियों के बृहद हित में है किंतु अभी देश भर में व्यापारियों को इसकी जानकारी न होने से इस क़ानून की पालना में परेशानियाँ आ रही है, इस दृष्टि से उन्होंने आग्रह किया कि इस क़ानून को एक वर्ष के लिए स्थगित किया जाये। श्रीमती सीतारमन ने इस विषय पर व्यापारियों की चिंताओं को बेहद ध्यानपूर्वक सुनते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बेहद संवेदनशील है और इस मामले पर पूर्ण रूप से विचार किया जाएगा।

कैट ने अपने ज्ञापन में कहा है कि सरकार का यह निर्णय स्वागतयोग्य है क्योंकि आय कर क़ानून में इस धारा के जुड़ने से अब एमएसएमई सेक्टर को अपने द्वारा दिये गये माल का पेमेंट भुगतान अधिकतम 45 दिनों में मिल जाएगा जिससे व्यापारियों का पूँजी प्रवाह रुकेगा नहीं, किंतु अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह क़ानून व्यापारियों पर लागू होगा अथवा नहीं वहीं जेसी क़ानून से जुड़े अन्य अनेक विषय हैं, जिनका स्पष्टीकरण आवश्यक है, ताकि क़ानून की पालना की जा सके।

कैट ने आग्रह किया है कि जब तक इस क़ानून से संबंधित विषयों पर स्पष्टीकरण न आ जाए तथा देश भर में व्यापारियों को जेसी क़ानून के बारे में पर्याप्त जानकारी न मिल जाये, तब तक इस क़ानून को स्थगित रखा जाये।कैट प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने बताया कि कैट ने सरकार से आग्रह किया है कि इस क़ानून को 1 अप्रैल, 2024 की बजाय 1 अप्रैल, 2025 से लागू किया जाये अर्थात् फ़िलहाल इस क़ानून को 1 वर्ष के लिए स्थगित किया जाये। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि एमएसएमई सेक्टर के व्यापार में वित्तीय समस्याओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 2023 के बजट में आय कर की धारा 43(बी) में संशोधन करते हुए धारा एच को जोड़ा था जिसका उद्देश्य एमएसएमई को समय पर अपने दिये हुए माल का भुगतान सुनिश्चित करना था जो की सरकार का एक बड़ा कदम है और लोगों को पेमेंट के मामले में काफ़ी सुविधा होगी । लेकिन एक लंबे समय तक इस क़ानून के विषय में लोगों को जानकारी न होने के कारण तथा कुछ स्तिथि स्पष्ट न होने की वजह से एक भ्रम की स्तिथि बनी हुई है, जिसको स्पष्ट करना आवश्यक है।

खेत प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संदेश जैन एवं प्रदेश उपाध्यक्ष जितेंद्र पचोरी में कहा कि इस दृष्टि से कैट ने क़ानून के इस प्रावधान को एक वर्ष के लिए स्थगित करने का आग्रह किया है और इसी बीच आय कर विभाग, एमएसएमई मंत्रालय एवं व्यापारी संगठन संयुक्त रूप से व्यापारियों को इस क़ानून के बारे में जानकारी देने के लिए व्यापक अभियान चलायें, यह भी आग्रह कैट ने किया है।सरकार को अवगत व्यापारिक संगठन ही कर सकते हैं व्यापारियों को व्यापार करने में आने वाली परेशानियों से (सेठी) कैट प्रदेश सचिव दीपक सेठी ने बताया कि यह जो 45 दिन में पेमेंट न किए जाने पर इसको इनकम मानकर इस पर टैक्स देना इस तरह का नया नियम लाने से पहले सरकार कोहिन्दुस्तान के बड़े व्यापारिक संगठनों से जुड़ी संस्थाओं के प्रमुख को बुलाकर चर्चा कर लागू करना चाहिए।
ताकि भविष्य में इस तरह के कानून से जो खुदरा व्यापारी है उन्हें किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

प्रदेश कैट कार्यकारिणी कोऑर्डिनेटर (महिला विंग) सीमा सिंग चौहान ने बताया कि इस कानून से महिला उद्यमियों को भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बुटीक के व्यापार एवं कुछ मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रॉ मैटेरियल को लेकर पहले से ही 60 से 90 दिनों की क्रेडिट पर माल मिलता रहा है। जबलपुर जिला अध्यक्ष रोहित खटवानी एवं जिला सचिव मनु शरत तिवारी ने कहा कि इस तरह के नए कानून को लागू करने से खुदरा व्यापारी जगत में काफी चिंता में उत्पन्न हो रही है की आने वाले समय पर वह कैसे व्यापार कर पाएंगे।

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