भक्त की करूण पुकार सुनकर अवतरित होते हैं नारायण : स्वामी नरसिंह दास जी महाराज
जबलपुर दर्पण। भक्त से भगवान के मिलन के लिए भगवान को धरा धाम में अवतरित होना पड़ता है। क्योंकि भगवान दिव्य लोक में निवास करते हैं भक्त धरा धाम में, भक्त की करूण पुकार परमात्मा सुनकर श्रीकृष्ण राम स्वरूप में शिशु लीला कर मातृत्व पितृत्व भाव को जगत से परिचित कराया है। श्रीकृष्ण ने संदेश दिया है कि प्रकृति, गौमाता, वृक्षों में नारायण का वास होता है , गौमाता, गोवर्धन पूजा की परापंरा को आरंभ कराया।
सनातन संस्कृति और संस्कारों से युवा वर्ग को परिचित करते हुए उनका पालन कराना चाहिए, सनातन धर्म वैदिक और वैज्ञानिक है । सनातन धर्म से जुड़े व्यक्तियों में आसुरी वृतियों नहीं होती , सनातन धर्म हर वर्ग को जोड़ता है श्रीकृष्ण ने हर वर्ग को जोड़ने का संदेश दिया है
उक्त उद्गार कार्तिक मास की गोपाष्टमी पर्व के अवसर पर श्रीहरि के गुणगान श्रीमद्भागवत कथा पुराण सप्ताह में व्यास पीठ से रामेश्वरम पैलेस अधारताल में कथा व्यास श्री नरसिंहपीठाधीश्वर डॉ स्वामी नरसिंह दास जी महाराज ने पंचम दिवस नंदोत्सव, श्रीकृष्ण लीलाओं के प्रसंग पर व्यास पीठ से कहे।
कथा के यजमान राम मिलन साहू . श्रीमती मिथलेश साहू. श्रीमती भगवती साहू ने श्रीमद्भागवत पुराण, श्रीराधा कृष्ण, तुलसी महारानी की षोडशोपचार पूजन अर्चन आचार्य रामफल शास्त्री, हिमांशु शास्त्री , प्रियांशु, प्रवीण चतुर्वेदी,
के मार्गदर्शन में वैदिक पूजन अर्चन कराई।
नंदोत्सव भगवान श्रीकृष्ण लीलाओं , असुरों को मोक्ष देने की कथा आंवला नवमी के अवसर पर अंजना मनीष अग्रहरि, जीवन कपिल,आभा दीपक साहू, सतीश साहू,अज्जू सहित हिन्दू सेवा समिति ने की है।