श्रीरामचरितमानस की हर चौपाई महामंत्र: स्वामी अशोकानंद जी महाराज
जबलपुर दर्पण। रामकथा समस्त जीवों के कल्याणार्थ है। राजकीय सुखों से विरक्त होकर भगवान श्रीराम ने ऋषि मुनियों, वृक्ष लता पहाड़ सबको मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप के दर्शन कराने निरंतर धरा धाम में भ्रमण किया। चराचर जगत के हर जीव में परमात्मा अंश है। श्रीराम और भरत ने भाई भाई के बाच समन्वय बनाकर सर्वौच्च शासन का उदाहरण दिया है।
श्रीरामचरितमानस की हर चौपाई महामंत्र है। श्रीराम कथा भगवान शंकर के मन से राम की आराधना को गोस्वामी तुलसीदास जी के हाथ से लिखवाकर जन जन तक पहुंचाई है। शासकों को भरत जैसे संत ह्रदय रखकर रामराज्य ला सकते हैं। जीवन के समस्त कार्यों को सरलता पूर्वक संपन्न कराने के लिए रामनाम जपना चाहिए।सत्संग से सारे दोष समाप्त हो जाते हैं।संत सदैव देने के लिए आते हैं। संतों की शरणागति से यश – बल- बुद्धि- विद्या के साथ सुख समृद्धि मिलती है। सांसारिक नगर को देखने के लिए परमात्मा का साथ होना चाहिए जिससे जीवन में भक्तों को सुख समृद्धि और खुशहाली मिलती है
भक्ति आने से संसार से विरक्ति आ जाती है । उक्त उद्गार अंतरराष्ट्रीय भागवताचार्य स्वामी अशोकानंद जी महाराज व्यास पीठ से भक्ति धाम में आयोजित श्रीराम कथा में विश्राम दिवस पर व्यास पीठ से कहे।
श्रीराम कथा में अक्षय नवमी के अवसर पर 5001 दीपको से दीपोत्सव के साथ श्रीराम लक्ष्मण जानकी जी का पुष्पार्चन किया।
श्रीराम कथा में व्यास पीठ पूजन विधायक अशोक रोहाणी,पं वेदांत शर्मा, आशीष महाराज, पप्पू लालवानी, विजय पंजवानी, करिश्मा शर्मा, प्रतिभा विध्येश भापकर, मनीषा रोहाणी , पार्थ शर्मा, मौर्या, दीपक सुंदरानी ,नरेंद्र केशवानी,जेठानंद खत्री, तारु खत्री,जागेश्वर मिश्रा, रम्मी ममतानी, अभिषेक, राहुल मनवानी, जय पंजवानी,जया, वीनू मखीजा, प्रिया पंजवानी, पुष्पराज तिवारी सहित भागवत सेवा समिति ने संत महात्माओं गणमान्य नागरिकों का स्वागत वंदन किया।