अपराध दर्पणडिंडोरी दर्पणमध्य प्रदेश

मत्स्याखेट प्रतिबंध बावजूद धड़ल्ले से मछली पकड़ने जलस्त्रोतों में उतर रहें गांवों के लोग

डिंडौरी, जबलपुर दर्पण ब्यूरो। जिलेभर में मत्स्याखेट पर प्रतिबंध लगा हुआ है, बावजूद धड़ल्ले से मछली पकड़ने जलस्त्रोतों में लोग उतर रहें हैं। ताजा मामला जिले के जनपद पंचायत अमरपुर अंतर्गत रामगढ़ ग्राम पंचायत से सामने आया, जहां दर्जनों की संख्या में मछली पकड़ने लोग नदी में उतरे हुए दिखाई दे रहे थे। बावजूद ना तो इसकी जानकारी ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को थी और ना ही प्रशासन को इसकी सूचना दी गई। मामले में पंचायत कर्मियों की लापरवाही साफ दिखाई दे रही है, जो कलेक्टर के निर्देशों को भी नहीं मान रहे। गौरतलब है कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी नेहा मारव्या द्वारा वर्षा ऋतु में मछलियों की प्रजनन अवधि को दृष्टिगत रखते हुए म.प्र. मत्स्य नीति के अंतर्गत आगामी 16 जून 2025 से 15 अगस्त 2025 तक सभी प्रकार के मत्स्याखेट(मछली पकड़ने) पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। यह प्रतिबंध म.प्र. शासन के मछली पालन विभाग के निर्देशानुसार एवं म.प्र. राज्य मत्स्य क्षेत्र अधिनियम 1981 की धारा 6(1) के अंतर्गत लागू किया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि उक्त अवधि में किसी भी नदी, तालाब, जलाशय या अन्य जलस्रोतों में मछली पकड़ना या मत्स्य परिवहन करना पूर्णतः वर्जित रहेगा। यह निर्णय मछली प्रजातियों के संरक्षण व संवर्धन के लिए अत्यंत आवश्यक है। बताया गया कि उक्त अवधि में यदि कोई व्यक्ति इस नियम का उल्लंघन करते हुए पाया गया, तो उसके विरुद्ध एक वर्ष का कारावास अथवा 5,000 रुपये तक का जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। वन विभाग, पंचायत विभाग, नगर परिषद, आदिवासी व हरिजन सेवा समितियाँ, मत्स्य विभाग आदि को प्रचार-प्रसार व निगरानी हेतु सूचित किया गया है, बावजूद अंचलों में लोग नियम, कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। मामले को लेकर ग्रामीणों का कहना था कि उक्त आदेश के बारे में ना तो उन्हें जानकारी है और ना ही किसी जिम्मेदार व्यक्ति ने कुछ बताया है। सूत्र बताते है कि जिम्मेदार लोग व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार नहीं करवाते, जागरूकता अभियान केवल खानापूर्ति तक सीमित रहती है।

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