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आंवले का वृत्ताकार छल्ला,अब कुएं हो रहे विलुप्त
जबलपुर। ये आंवले का वृत्ताकार छल्ला हमारे प्राचीन पूर्वजों द्वारा सौंपी गई समृद्ध विरासत का हिस्सा है। आंवले से बने अंगूठी के आकार के इस को जो आंवले की लकड़ी से बनी होती है और इसको को कुएं के सबसे निचले हिस्से में 2 या 4 फिट पर डुबाते है।
क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार आंवले की लकड़ी उत्कृष्ट जल शोधक है। ये कुएं के पानी को मीठा भी बनाता है। अब कुएं विलुप्त हो रहे हैं तो शायद यह विधा भी खत्म हो जाए। पर आवले की लकड़ी के इन गुणों को ग्रहण करना या समझना आवश्यक है प्रकृति के प्राकृतिक रूप को अंगीकार करने के लिए।
-प्रदीप ताम्हणकर साभार प्रमोद शुक्ला