रीठी में गहराया जल संकट, बंद पड़ी नल-जल योजना, जिम्मेदार बेपरवाह

कई माह से बंद पड़ी सिंघैया की नल-जल योजना, टेंकरों से पानी खरीदने मजबूर ग्रामीण
कटनी/रीठीदर्पण। एक ओर केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा लोगों के घरों तक पेयजल पहुंचाने के लिए ग्राम पंचायतों के माध्यम से लाखों करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाये जा रहे हैं। लेकिन कटनी जिले की रीठी जनपद मुख्यालय मुख्यालय में अभी गर्मी की आहट भी नही मिली है और पीने के पानी के लिए हाय-तौबा शुरू हो गई है। जल संकट ऐसा गहरा गया है कि लोगों पेयजल के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। नल-जल योजना भी बंद होने के कारण रहवासीयों को टेंकरों के माध्यम से पानी खरीदकर पीना पड़ रहा है। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जनपद मुख्यालय के ही यह हाल हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में क्या नौबत होगी। ऐसा नही है कि रीठी में गहरा रहे जल संकट की जानकारी जिम्मेदार अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियो को न हो लेकिन प्रशासनिक निकम्मेपन के चलते जिम्मेदार व्यवस्था कराना तो भला कोसों दूर की बात है झांककर देखना भी मुनासिब नही समझते। जिसके चलते ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को मोहताज हैं।
जानकारी देते हुए ग्राम पंचायत रीठी के रहवासीयों ने बताया कि रीठी सिंघैया तालाब स्थित बोर की नल-जल योजना लगभग चार माह से बंद पड़ी है। जिसके कारण लोगो को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। तो वहीं ग्राम पंचायत रीठी के सरपंच सचिव व मुख्य कार्यपालन अधिकारी ध्यान तक नही दे रहे हैं। लोग दिन-दिन भर हैन्डपंपों में कतार लगाकर पानी भरने को मजबूर हैं।
चहेतों के घर तक पहुंची पाइपलाइन
बताया गया कि रीठी ग्राम पंचायत में दो नलजल योजना से पानी की सप्लाई की जाती है। जिसमें से सिंघैया तालाब वाली नल-जल योजना लगभग चार माह से बंद पड़ी है। वहीं वायपास स्थित टंकी से भी पानी की सप्लाई की जाती है। बताया गया कि टंकी वाली नलजल योजना चालू है। बावजूद इसके लोगों को पानी नही मिल पा रहा है। रहवासियो ने आरोप लगाते हुए बताया कि टंकी वाली नल-जल योजना का पानी ग्राम पंचायत के चहेते लोगो के घरों तक ही पहुंच रहा है। जबकि रीठी नगर के तीन हिस्सों में पेयजल के लिए हा-हाकार मचा हुआ है।
सीईओ साहब के बंगले गई दो पाइपलाइनें
ग्रामीणो ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम पंचायतो के मुखिया सीईओ प्रदीप सिंह रीठी नगर के अस्पताल कालोनी स्थित बंगले में दो-दो नल-जल योजना की पाइपलाइन गई है। यदि एक खराब हो भी जाये तो साहब को दूसरी पाइपलाइन से पर्याप्त पानी मिल रहा है और अन्य वार्ड वासियो को पानी तो दूर पाइपलाइन तक के दर्शन नहीं हो पा रहे है। रीठी जनपद के सीईओ साहब ने अपना काम बनता भाड़ में जाये जनता वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव को अपनी मनमानी करने की छूट सी दे रखी है।
दो रूपये डिब्बा खरीद रहे पानी
रीठी के वार्ड क्रमांक एक, दो, तीन, चार, छ:, सात, बारह, चौदहा, पन्द्रह व सोलह वार्ड के रहवासी टेंकरो से दो रूपये में एक डिब्बा पानी खरीदने मजबूर हैं। जबकि रीठी ग्राम पंचायत में तीन-तीन टेंकर भी है। लेकिन सभी किराय पर चल रहे हैं जो ग्राम पंचायत की आये को दोगुनी कर रहे हैं।
चुनावी मुद्दा रहता है रीठी में जल संकट
बताया गया कि रीठी में हर बार चुनावी मुद्दा रहता है तो पेयजल। लोगो को पेयजल पहुंचाने की दाबा करके ही यहां जनप्रतिनिधि चुनाव जीतते है। लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनके द्वारा ध्यान नही दिया जाता। रीठी में पेयजल संकट को लेकर कई बार आंदोलन तक हुए। जिम्मेदारो ने व्यवस्था कराने का आश्वासन भी दिया लेकिन उनकी लालची प्रवृत्ति के कारण सिर्फ व्यवस्था बिगाड़ने का काम ही किया है। ग्रामीणो ने सिघैंया स्थित बंद पड़ी नल-जल योजना को तत्काल चालू कराते हुए रीठी ग्राम पंचायत के हर वार्ड में पानी पहुंचाने की मांग की है।