डिंडोरी दर्पणमध्य प्रदेश

जिले में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की व्यापक तैयारी

डिंडोरी,जबलपुर दर्पण ब्यूरो। जिले में ही प्रति मिनिट 12 सौ लीटर आक्सीजन का उत्पादन करने के लिए प्लांट का कार्य भी तेजी से शुरू हो गया है,कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। जिले में जहां 230 आक्सीजन सपोर्ट बेड तैयार हो गए हैं, वहीं जिले में ही प्रति मिनिट 12 सौ लीटर आक्सीजन का उत्पादन करने के लिए प्लांट का कार्य भी तेजी से शुरू हो गया है। सीटी स्कैन मशीन भी लगाने का सिविल वर्क शुरू हो चुका है। बताया गया कि जिला अस्पताल परिसर में राज्य सरकार द्वारा प्रति मिनिट दो सौ लीटर आक्सीजन उत्पादन का प्लांट पहले स्वीकृत हुआ था। इस प्लांट का स्ट्रक्चर भी बनकर तैयार हो गया है, अब केंद्र सरकार से भी जिला अस्पताल में एक हजार लीटर प्रति मिनिट आक्सीजन उत्पादन करने का प्लांट स्वीकृत हुआ है। जिला अस्पताल परिसर में ही आयुष अस्पताल के बगल से आक्सीजन प्लांट का कार्य शुरू हो गया है, 30 जुलाई तक यह प्लांट शुरू करने की अंतिम समय सीमा निर्धारित की गई है। दोनों प्लांट तैयार हो जाने से आक्सीजन के मामले में डिंडौरी जिला पूरी तरह आत्मनिर्भर बन जाएगा और एक साथ सैकड़ों मरीजों के भी आक्सीजन सपोर्ट में होने पर आक्सीजन की किल्लत नहीं होगी।

जिले में बच्चों के लिए विशेष वार्ड तैयार-कोविड19 की तीसरी लहर में बच्चों के अधिक पीड़ित होने की आशंका के चलते जिले में दस बेड का अलग से बच्चा वार्ड तैयार किया गया है। बताया गया कि सभी सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी इस संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। गौरतलब है कि कलेक्टर रत्नाकर झा द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शहपुरा, मेहंदवानी, बजाग, करंजिया, समनापुर, अमरपुर, विक्रमपुर सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किसलपुरी और गाड़ासरई में भी आक्सीजन सपोर्ट बेड तैयार कराने का कार्य तेजी से कराया गया है। जिला अस्पताल में पहले 50 आक्सीजन सपोर्ट बेड थे जिनकी संख्या अब बढ़ाकर 120 कर दी गई है।कोरोना की दूसरी लहर में जहां प्रदेश के साथ देश भर में आक्सीजन की भारी किल्लत हुई थी, लेकिन जिले में इसकी कमी नहीं हो पाई। यहां के मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट की कम आवश्यकता हुई। सीएमएचओ ने बताया कि आक्सीजन सपोर्ट में मरीज को प्रति मिनिट पांच लीटर से अधिक आक्सीजन की आवश्यकता पड़ती है, ऐसे में जिले में ही 12 सौ लीटर प्रति मिनिट आक्सीजन तैयार होगा, जिससे की सैकड़ों मरीजों को भी अगर एक साथ आक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी तो कोई समस्या नहीं होगी। पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन की उपलब्धता की दिशा में डिंडौरी जिले से दूसरे जिले को भी आक्सीजन भेजने की पहल हो सकेगी।

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