मवई विकास खण्ड मे एक शिक्षक के हाबाले चार स्कूल प्राथमिक शिक्षक को दिया गया हाई स्कूल का भी प्रभार
एस.पी.तिवारी मण्डला। जिले का अंतिम छोर कहा जाने वाला मवई विकास खण्ड जहां आदिवासी बैगा समुदाय के लोग अधिक निवास करते हैं। इस विकास खण्ड शिक्षा व्यवस्था चौपट होती जा रही है। न राजनैतिक दल ध्यान दे रहा, ना ही जिला प्रशासन और यहां निवास कर रहे आदिवासी जो गरीब तबके के लोग हैं उनके बच्चों की पढाई के क्षेत्र मे घोर अन्याय हो रहा है। जबकि सरकार की मंशा है कि हर बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले चाहे वह शहरी क्षेत्र का हो या ग्रामीण क्षेत्र का हो। जबकि इस आदिवासी जिले मे तीन विधायक, दो सांसद व केन्द्र सरकार मे मंत्री होने के बाद भी शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर नही ला पा रहे। जिसके चलते विभीगीय अधिकारी जिले की ग्रामीण शिक्षा व्यवस्था मे जमकर चूना लगाने नही चूक रहे हैं और इन मासूमों के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है। और सरकार की मंशा मे पानी फेरने से यहां के आला अधिकारी बाज नहीं आ रहे। जबकि हम चाहे जिला मुख्यालय की बात करें, या चाहे हम ब्लॉक मुख्यालय की बात करें केवल मीटिंग का दौर चलता रहता है और कागजी घोड़े दौड़ते रहते है बावजूद इसके समस्या जमीनीस्तर पर जस की तस बनी हुई है। जबकि सरकार शिक्षा के क्षेत्र मे बच्चों को अच्छी शिक्षा हेतु अनेकों योजना चलाई जा रही है। पर यहां उन सभी योजनाओं मे जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। मतलब साफ है-
“हम न सुधरेंगे, न सुधरने देगें ”
भले ही बच्चों की भविष्य चौपट हो जाये। बस हमारी जेब भर गरम होती रहे।
ये है मामला- जिला मुख्यालय के सौ कि.मी. दूर आदिवासी बाहुल्य विकास खण्ड मवई मे करीब 80 एक शिक्षकीय शाला हैं और 41 शिक्षक बिहीन शाला हैं। जिनका संचालन अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहा है। सूत्रों की माने तो यहां इस स्थानांतरण नीति के तहत अभी तक 4-5 शिक्षकों की नियुक्ति हो पाई है नियुक्ति तो दूर रही यहां से करीब 25 शिक्षकों को स्थानांतरित कर दिया गया। मतलब साफ है कि 25 शिक्षक और कम हो गये। जो जांच का बिषय है।
एक शिक्षक को चार विद्यालय का प्रभार-इसी विकास खण्ड के दयाल टोला संकुल भीमड़ोगरी की प्राथमिक शाला जहां 18 बच्चे दर्ज हैं और एक ही शिक्षक पदस्थ है। वहां के प्राथमिक शिक्षक रवि धुर्वे को हर्रा टोला संकुल मोतीनाला के प्राथमिक शाला दर्ज बच्चे 42, माध्यमिक शाला दर्ज बच्चे 89 एवं हाईस्कूल दर्ज बच्चे 130 की शालाओं का प्रभार एक ही शिक्षक के पास है। जिससे यह कहना गलत नही होगा कि-
“अंधेर नगरी चौपट राजा”
मतलब साफ है कि यहां अध्ययन कर रहे बच्चों का भविष्य का क्या होगा जिसकी कल्पना नही की जा सकती। यह बहुत बड़ा प्रश्न है और जांच का विषय हैं कि एक प्राथमिक शिक्षक को कैसे हाईस्कूल और माध्यमिक स्कूल का प्रभार दिया गया ? क्या जिले या विकास खण्ड मे माध्यमिक शिक्षक नही हैं ? और एक शिक्षक जो एक शाला दयाल टोला संकुल भीमड़ोगरी से हर्रा टोला संकुल मोतीनाला जाकर कैसे स्कूल का संचालन कर रहा हो ? शिक्षा विभाग के संज्ञान में होने के बाद विभाग क्या कर है ? यह जबाब विभाग के अधिकारियों को देना होगा। हर्रा टोला की तीनों शाला शिक्षक बिहीन हैं पूरी बागडोर अतिथि शिक्षक के हाथों रहती होगी क्योंकि एक शिक्षक कहाँ-कहाँ देखेगा, खुदा न करे अगर बच्चों के साथ कोई होनी अनहोनी घटना हो जाये तो जबाब कौन देगा।
वहीं दूसरी तरफ मण्डला विकास खण्ड मे केवल दो बच्चों को तीन शिक्षक पढ़ाते हैं। और इस विकास खण्ड मे अतिशेष एवं अटेचमेंट वाले शिक्षकों की भरमार है। जो सूक्ष्म जांच होने पर पिक्चर साफ हो जावेगी कारण विभाग अतिशेष शिक्षकों की सही जानकारी नही दे रहा है।
जिला कलेक्टर से अपील है कि उक्त सभी बातें अपने संज्ञान मे लेते हुये विशेषतौर से संलग्नीकरण की जांच करते हुये दोषियों के ऊपर दंडात्मक कार्यवाही की जाये। ताकि जिले मे गरीब बच्चों के साथ हो रहे अन्याय को रोका जा सके, और जिले के गरीब बच्चे अपना भविष्य बना सकें।
शासन-प्रशासन से पूछती है जनता कि ऐसा क्यों…..।
इनका कहना है-1–लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार अति आवश्यक है। जब से बीजेपी शासन आया है तब से शिक्षकों की नयी भर्ती नही हुई जिसका खामयाजा आदिवासी जनता को भोगना पड़ रहा है। मवई एवं घुघरी की शिक्षा के क्षेत्र मे स्थिति बहुत खराब है। बहुत सी शाला शिक्षक विहीन हैं। जिसकी हमारे द्वारा निरंतर आवाज उठाई जा रही है।
नारायण पट्टा
विधायक, विधानसभा क्षेत्र बिछिया
2– प्रा.शाला दयाल टोला मे एक ही शिक्षक है जबकि वहां 18 बच्चे अध्ययन कर रहे हैं। और यह शिक्षक के पास और अतिरिक्त शालाओं का प्रभार है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
प्राचार्य
प्रदीप पटेल
हा.से.विद्यालय, संकुल,भीमड़ोगरी, मवई
3–अभी में मण्डला से साहब आये है उनके साथ मे हूँ ।
(फोन दो बार संपर्क करने यह जबाब मिला)
प्राचार्य
दिनेश मरावी
हा.से. विद्यालय,संकुल मोतीनाला, मवई।