आउटसोर्स कर्मचारी नहीं मना पाएंगे होली
तीन माह से नहीं मिला वेतन, वेतन का नहीं है ठिकाना मार्च क्लोज का है बहाना
भगवत सिंह लोधी जबेरा दमोह। जबेरा मप्र के लगभग सभी जिले के विभिन्न विभागों में आउटसोर्स द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारियों को समय से उनका मासिक वेतन का भुगतान नहीं होता। ऐसा ही हाल दमोह जिला भी वेतन समय पर न देने में टॉप 1 पर हैं और कलेक्टर रेट पर नियुक्ति दी गई फिर भी उन्हें कलेक्टर दर पर मासिक वेतन का भुगतान नहीं होता। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकतम स्वास्थ्य विभाग में आउटसोर्स कर्मचारियों की भर्ती की गई। जिनका मासिक वेतन कलेक्टर दर निर्धारित की गई है। फिर भी उनको कलेक्टर दर पर भुगतान न कर जिस कंपनी को टेंडर जारी किया है उसके ठेकेदारों द्वारा मन मर्जी से कलेक्टर दर से भी आधे वेतन का भुगतान कर कर्मचारियों का आर्थिक रूप से शोषण हो रहा है और प्रत्येक माह समय पर मासिक वेतन का भुगतान नहीं किया जाता जिससे बेरोजगारी के आलम में आउटसोर्स कर्मचारियों को अपने परिवार का पालन पोषण करने में बड़ी जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी कभी तो भुखमरी जैसे हालत हो जाते हैं।
परंतु सवाल यह है कि जिम्मेवार अधिकारी भी यह सब कुछ जान कर भी अंजान बने हुए हैं। ऐसा ही अभी हाल में सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत जिले भर के सातों ब्लॉक के आउटसोर्स कर्मचारियों की तीन माह से अभी तक मासिक वेतन का भुगतान भी नहीं हुआ है और होली पर्व का त्योहार भी नजदीक है, पर वेतन का कोई ठिकाना नहीं है। अगर दो दिन में आउटसोर्स कर्मचारियों का तीन माह से रुके हुए मासिक भुगतान का दो दिन में भुगतान नहीं होता है तो साल भर के इस उत्साह भरे होली के रंगों में भी कर्मचारियों का त्योहार फीका पड़ जायेगा और कर्मचारी होली नही मना पाएंगे। जिम्मेवार अधिकारी और जनप्रतिनिधि इस और नही दे रहे ध्यान, जानकर भी बने अनजान।
कुछ दिन पूर्व इस विभिन्न समस्याओं को लेकर अनुसूचित जाति जनजाति कर्मचारी अधिकारी संघ अजाक्स ने इस आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन संबधी मुद्दा उठाया था और चेतावनी दी गई थी की आउटसोर्स कर्मचारियों को कलेक्टर दर पर मासिक वेतन का भुगतान होना चाहिए।