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दुखित करती है, यह तस्वीरें

आलेख : आशीष जैन (उप-संपादक) दैनिक जबलपुर दर्पण।

एक तस्वीर सोशल मीडिया में बहुत बायरल हो रही है। कचरे की गाड़ी और डस्टबिन में बहुत सारी तिरंगे झंडे एवं उनके प्रतिरूप कचड़े के बीच में रखे डले हैं। इन तस्वीरों को देख कर मन बड़ा ही दुखित होता है और यह विचार आता है कि, दो-चार दिन की देशभक्ति दिखाने, प्रदर्शित करने का क्या औचित्य। अगर नागरिकों को तिरंगे और तिरंगे के प्रतिरूपों का सम्मान नहीं कर सकता या उन्हें सहेज कर नहीं रख सकता तो उसको अपने हाथ और घर पर तिरंगा लगाने का कोई भी अधिकार प्राप्त नहीं होना चाहिए।

इस वर्ष हम सभी ने मिलकर आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता दिवस मनाया। स्वतंत्रता प्राप्ति के 75 वर्ष पूर्ण हो गए। सभी देशवासियों ने मिलकर अपने घर प्रतिष्ठान और निजी कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराकर बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से स्वर्णिम स्वतंत्रता दिवस मनाया। कुछ राजनीतिक पार्टियों ने हर घर झंडा अभियान चलाकर इस को सफल बनाने का भरपूर प्रयास किया। जब भारत का संविधान बनाया जा रहा था तब राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराने के कुछ नियम तालिका निर्धारित की गई थी जिसे भारतीय ध्वज संहिता मैं विस्तृत वर्णन किया गया है। परंतु ध्वज संहिता के नियमों में परिवर्तन कर हर नागरिक को भारतीय ध्वज फहराने और अपने घरों पर 24 घंटे लगाने के कुछ अधिकार प्राप्त हुए। उसी अधिकार के तहत संपूर्ण भारत में भारतीय ध्वज तिरंगा एवं तिरंगे के प्रति रूपों को हर नागरिक ने अपने घर प्रतिष्ठानों पर लगाकर आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता दिवस इस वर्ष बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया। परंतु दुख तब होता है जब भारतीय ध्वज तिरंगा राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस के बाद यह सारे सड़कों के किनारे, कचरे के डिब्बे में जब पड़े हुए प्राप्त हुए तब, ऐसा प्रतीत हुआ कि जब खास चीज आम होती है तो वह इन जगहों पर ही नजर आएगी। क्या हम अपने राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह राष्ट्रीय ध्वज एवं उसके प्रति लोगों को सम्मान सुरक्षित नहीं रख सकते? अगर हम राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा और उसके प्रतिरूपों को सम्मान सुरक्षित नहीं रख सकते तो हमें राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराने घर और प्रतिष्ठान पर लगाने का कोई भी अधिकार नहीं प्राप्त हो सकता। क्योंकि भारतीय ध्वज संहिता के नियमों में परिवर्तन कर हर नागरिक को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा अपने घर और प्रतिष्ठान पर लगाने का अधिकार प्राप्त हुआ, तो कुछ कर्तव्य और दायित्व भी दिए गए। जिसमें साफ साफ वर्णित है कि राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का किसी भी प्रकार से अपमान नहीं होना चाहिए। सदियों की गुलामी और हजारों लाखों शहीदों की कुर्बानी के बाद प्राप्त हुई यह आजादी हमें गर्व और गौरवान्वित करती है। हमारा अभिमान है यह हमारा स्वाभिमान है। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा जो भारत की आन-बान और शान है। स्वतंत्रता और गणतंत्र दिवस पर यह पूरे देश में बहुत सम्मान के साथ फहराया जाता है। इसकी रक्षा की खातिर दुश्मनों से लड़ते-लड़ते न जाने कितने ही जवान शहीद हो गए। परन्तु भारत के इस सम्मान को कभी आंच न आने दी। देश भक्ति दिखाने के चक्कर में कुछ नागरिक लापरवाही करते हुये अपनी नैतिक जिम्मेदारी भी भूल बैठे।

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