ओलंपिक में जबलपुर के पिता-पुत्र की अद्भुत उपलब्धि/पंकज स्वामी
जबलपुर दर्पण। जबलपुर को एक उपलब्धि हासिल है जब पिता-पुत्र दोनों ने ओलंपिक खेलों में भारत प्रतिनिधित्व किया। 1928 के एम्सटर्डम ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम में जबलपुर में जन्मे एंग्लो इंडियन रेक्स ए नॉरिस का चयन हुआ। भारतीय टीम के रवाना होने से पहले धन की कमी के कारण दो खिलाड़ियों – शौकत अली और रेक्स ए नॉरिस – को यात्रा दल से बाहर करना पड़ा। हालाँकि, बंगाल में कुछ शुभचिंतकों व व संरक्षकों के आखिरी मिनट के हस्तक्षेप ने यह सुनिश्चित कर दिया कि दोनों को कैसर-ए-हिंद – जहाज़ जो बंबई से खिलाड़ियों को ले जा रहा था, पर टीम के साथ जरूर जाएंगे। एम्सटर्डम ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम ने सोने का पदक जीता।
1952 के हेलसिंकी ओलंपिक में रेक्स नॉरिस के पुत्र रोनाल्ड अलेक्जेंडर “रॉन” नॉरिस ने भारतीय बॉक्सिंग टीम का प्रतिनिधित्व किया। वे मुक्केबाजी की लाइट वेल्टरवेट स्पर्धा में रिंग में उतरे।
नॉरिस बाद में लंदन में एक अंतरराष्ट्रीय फील्ड हॉकी कोच बन गए। उन्होंने 1954 से 1956 तक डच हॉकी टीम, 1960 में इतालवी टीम और 1968 ओलंपिक से पहले मैक्सिकन टीम को कोचिंग दी। नॉरिस की बेटियों फिलोमेना और वेंडी ने भी हॉकी में भारत का प्रतिनिधित्व किया
नॉरिस रोड भी है जबलपुर में जबलपुर छावनी मुख्यालय के पते में इसका उल्लेख है। लेकिन कौन जाने कब उसे हटा दिया जाए ! जब आप चौथे पुल से सदर में प्रवेश करते हैं तो जो सड़क सीधे शिवाजी स्टेडियम / विरमानी पेट्रोल पम्प की ओर जाती है, उस सड़क का नाम नारिस रोड है। कैंट के मुख्यालय पर लगे एक पत्थर पर यह उकेरा गया है। मैंने खुद देखा है। उम्मीद है अभी भी वो पत्थर अस्तित्व में होगा।