नानाजी ने समाज को संगठित कर वनवासी उपेक्षित क्षेत्र में बदलाव लाने का कार्य कियाः मंत्री प्रतिमा बागरी

सतना जबलपुर दर्पण । दीनदयाल शोध संस्थान एवं चित्रकूट क्षेत्र की जनता जनार्दन व जिला प्रशासन सतना के सहयोग से संस्कृति संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा भारत रत्न नानाजी देशमुख के जन्मदिवस शरद पूर्णिमा के अवसर पर पारम्परिक एवं समकालीन कलाओं पर केन्द्रित त्रिदिवसीय शरदोत्सव का आयोजन 6 से 8 अक्टूबर तक किया जा रहा है। जिसके प्रथम दिवस का शुभारम्भ सोमवार को पूज्य महंत दिव्यजीवन दास जी दिगंबर अखाड़ा भरत मंदिर, महंत गोविंददास महाराज भगवत् आराधना आश्रम, महंत पवन बाबा जी सती अनुसूईया आश्रम, डाॅ रामनारायण त्रिपाठी संचालक गायत्री शक्ति पीठ तथा श्रीमती प्रतिमा बागरी मंत्री नगरीय विकास एवं आवास मध्य प्रदेश, गणेश सिंह सांसद सतना, डॉ मोहन नागर उपाध्यक्ष मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद, डॉ संजय पासवान पूर्व राज्य मंत्री भारत सरकार, सुरेंद्र सिंह गहरवार विधायक चित्रकूट, पदमश्री उमाशंकर पांडे, पदमश्री सेतपाल सिंह, पदमश्री कवल सिंह चौहान एवं निखिल मुंडले प्रधान सचिव दीनदयाल शोध संस्थान, पूर्व सांसदभैरो प्रसाद मिश्र, पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, महेन्द्र कोटार्य सामाजिक कार्यकर्ता, सुश्री साधना पटेल अध्यक्ष नगर पंचायत चित्रकूट, बांदा कोपरेटिव बैंक के अध्यक्ष पंकज अग्रवाल द्वारा राष्ट्रऋषि नानाजी देशमुख के 109वें जन्मदिवस शरद पूर्णिमा पर उनके चित्र के समक्ष पुष्पार्चन व दीप प्रज्वलन के साथ विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर हुआ।शरदोत्सव संध्या का शुभारम्भ करते हुए मध्यप्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती प्रतिमा बागरी ने कहा कि आज शरद पूर्णिमा के दिन दो महापुरुषों महर्षि वाल्मीकि और राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की जयंती का विशेष दिन है। भगवान् राम का चित्रकूट की धरा पर जिस तरह कण कण में निवास है, उसी तरह नानाजी का योगदान भी अमिट है। हर काल खंड में किसी न किसी महापुरुष ने जन्म लिया है और समाज को दिशा देने का कार्य किया है। नानाजी ने समाज को संगठित कर वनवासी उपेक्षित क्षेत्र में बदलाव लाने का कार्य किया है। इस दौरान महंत दिव्यजीवन दास जी दिगंबर अखाड़ा द्वारा आशीर्वचन उद्बोधन दिया गया। प्रथम दिवस की सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत कृष्णा देवी वनवासी बालिका विद्यालय की बच्चियों द्वारा रामजी का जीवन चरित्र नाटिका प्रस्तुत किया गया फिर सुरेंद्रपाल ग्रामोदय विद्यालय के पुरातन छात्रों द्वारा शिव एवं हनुमान चरित्र गीत की आकर्षक प्रस्तुति की गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के क्रम में सुप्रसिद्ध भजन गायक पवन तिवारी टीकमगढ़ ने भक्ति गीतों की अनूठी छटा विखेरी और एक के बाद एक भजनों से नानाजी को श्रद्धा सुमन अर्पित कर दर्शकों को आनन्दित किया। पवन तिवारी द्वारा सुप्रसिद्ध भजन इकबार जो रघुवर की नजरों का इशारा हो जाये, मैं तेरी लगन में खो जाऊं, दुनिया से किनारा हो जाये, मनोहर माधुरी जोड़ी हमारे श्याम श्यामा की, रसीली रस भरी अंखियां हमारे श्याम श्यामा की भजनों की प्रस्तुति दी।उसके बाद संजय महाजन बडवाह खरगोन की 40 कलाकारों की टीम द्वारा श्रीलीला महारास नाट्य प्रस्तुति हुई, जिसमें नटेश्वर नृत्य संस्थान के युवा रंग कर्मियों द्वारा प्रभु श्रीकृष्ण के प्रमुख लीलाओं को जन्म, माखन चोरी, कालिया मर्दन, गोवर्धन धारण, पनघट लीला, मयूर नृत्य, फुलों की होली के साथ महारास के विराट स्वरूप के पश्चात महाआरती की संगीतमय प्रस्तुति हुई।
उपरोक्त कार्यक्रम दीनदयाल परिसर में प्रतिदिन शाम 7:00 बजे से आयोजित जा रहा है।
नानाजी की 109 वीं जयंती पर शरदपूर्णिमा की चाँदनी में दर्शकों ने लिया खीर का आनंद
जब चन्द्रमा अपनी समस्त कलाओं के साथ होता है और धरती पर अमृत वर्षा करता है, इस अमृत वर्षा का लाभ हर मानव को मिले इसी उद्देश्य से राष्ट्रऋषि नानाजी के 109वें जन्मदिवस पर शरदपूर्णिमा की चांदनी में हजारों दर्शकों ने दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा जन सहयोग से प्रसाद रूप में वितरित की गई अमृतमयी खीर का आनंद लिया।
शरदोत्सव के मंच पर आज होगा लखबीर सिंह लक्खा और आकृति मेहरा का गायन
शरदोत्सव की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर मंगलवार 7 अक्टूबर को भक्ति गायन आकृति मेहरा एवं साथी, भोपाल तथा सुगम संगीत लखबीर सिंह लक्खा एवं साथी, दिल्ली का भव्य सांस्कृतिक आयोजन होगा। इस दौरान श्रीरामराजा सरकार श्रीराम के छत्तीस गुणों का चित्र कथन व संकट मोचन श्रीहनुमान चालीसा आधारित प्रदर्शनी का प्रदर्शन भी किया गया है।


