टीबी को पूर्ण रूप से समाप्त करने गंभीरता से काम करे स्वास्थ्य अमला: कलेक्टर
जिला टीबी फोरम की बैठक आयोजित
रायसेन, हेमन्त सराठे. राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में 20 सितंबर से 20 अक्टूबर तक मनाए जाने वाले टीबी नोटीफिकेशन पखवाड़ा के संबंध में कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव की अध्यक्षता में टीबी फोरम की बैठक का कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि टीबी को जड़ से समाप्त करने के लिए चिकित्सक और स्वास्थ्य अमला पूरी गंभीरता से काम करें। लोगों को टीबी रोग के बारे में जागरूक किया जाए तथा टीबी का मरीज मिलने पर तुरंत उपचार प्रारंभ किया जाए।
बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खत्री ने जिले में टीबी नोटिफिकेशन पखवाड़े के आयोजन की जानकारी देते हुए आशा कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, बीसीएम, डीसीएम तथा सभी एनटीईपी स्टॉफ को पिछले तीन वर्ष में उपचारित मरीजों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग कर 4ै स्क्रीनिंग के आधार पर टीबी जांच कराने के निर्देश दिए।
जिला क्षय अधिकारी डॉ अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की है जिसके तहत प्रत्येक कोरोना पॉजिटिव मरीज़ की टीबी जांच एवं प्रत्येक टीबी मरीज की कोरोना जांच कराया जाना अनिवार्य है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देशभर के अस्पतालों को बाय डायमेंशनल टीबी कोविड स्क्रीनिग की गाइडलाइन जारी की है। इससे फीवर क्लीनिक में आने वाले सभी आईएलआई/एसएआरआई मरीजों की भी टीबी स्क्रीनिंग के निर्देश दिए है। चूँकि टीबी और कोविड दोनों ही ऐसे संक्रामक रोग हैं जो सबसे पहले फेफड़ो पर हमला करते हैं और दोनों ही बीमारियों के लक्षण एक जैसे यानी खांसी, बुखार और सांस लेने मे तकलीफ होना है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति में टीबी का प्रसार 4.47 फीसदी पाया जा रहा है। जिले के सभी बीएमओ को इस संबंध में निर्देश भी जारी किए गए हैं। जिला क्षय अधिकारी द्वारा बताया गया कि कोविड नेगटिव मरीज जिनकी खांसी, बुखार ठीक नही हो रहा है उनकी शत प्रतिशत जांच पखवाड़े में कराई जाएगी। बैठक में सिविल सर्जन डॉ एके शर्मा सहित अन्य चिकित्सक उपस्थित थे।