लीपापोती में जांच दल जुटा, करोड़ों रुपए की ठगी उजागर

आईसीआईसी बैंक का पकड़ा गया मास्टरमाइंड खेल
मुकेश चतुर्वेदी, रीवा। विंध्य प्रदेश के रीवा शहर में संचालित आईसीआईसी बैंक ने मास्टरमाइंड तरीके से धोखाधड़ी के खेल को अंजाम दिया है जिसके कारण 2 दर्जन से अधिक ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 3 सप्ताह से ग्राहकों की धोखाधड़ी का यह मामला सुर्खियों में बना हुआ है इसके बाद भी अभी तक पुलिस ने बैंक प्रबंधन के खिलाफ एफ आई आर दर्ज नहीं किया है। प्राइवेट बैंकों में आईसीआईसी बैंक का नाम प्रमुखता से लिया जाता है, इतने बड़े और विश्वसनीय बैंक में ग्राहकों के साथ करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी का चौंकाने वाला मामला उजागर होने के बाद भी मास्टरमाइंड खिलाड़ी पुलिस की पकड़ से दूर बने हुए हैं। परेशान लोगों को आईसीआईसीआई बैंक और सिविल लाइंस थाने का चक्कर लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। आईसीआईसी बैंक में ग्राहकों से धोखाधड़ी होने का मामला सामने आने के उपरांत आईसीआईसी बैंक के उच्च प्रबंधन ने वास्तविकता सामने लाने के लिए कमेटी गठित कर जांच प्रारंभ कर आई है। प्राइवेट बैंक के जुड़ा जांच दल कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति और लीपापोती करने तक सीमित है जिसके कारण परेशान लोगों की धड़कन है तेज हो गई हैं। लगातार परेशान ग्राहकों को यह आश्वासन दिया जा रहा है की जल्द सब को पैसा मिल जाएगा, लेकिन ऐसा होने की उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। बताया गया कि जिन लोगों के साथ आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी की गई है उनमें से प्रत्येक व्यक्ति का बैंक में ₹500000 से अधिक पैसा जमा कराया गया था। धोखाधड़ी का मामला सामने आने के उपरांत परेशान ग्राहक आईसीआईसी बैंक में जाकर हंगामा भी कर चुके हैं और लगातार सिविल लाइन थाने में एफ आई आर दर्ज कराने के लिए संपर्क किया जा रहा है इसके बावजूद पुलिस का सहयोग परेशान लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
राकेश यादव फरार, बैंक की भूमिका भी संदिग्ध
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आईसीआईसी बैंक की धोखाधड़ी बेनकाब होने के उपरांत दूसरे ग्राहकों की धड़कन भी तेज होने लगी हैं। आईसीआईसी बैंक में राकेश यादव नाम के अधिकारी ने धोखाधड़ी के इस खेल को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया है। करोड़ों रुपए का घोटाला करने वाला राकेश यादव भूमिगत हो चुका है। सबसे बड़े हैरत की बात यह है की धोखाधड़ी को स्वीकार करने वाले आईसीआईसी बैंक के प्रबंधन ने अभी तक घोटाले के मास्टरमाइंड राकेश यादव के खिलाफ f.i.r. तक दर्ज नहीं कराई है। जिससे कहीं ना कहीं करोड़ों रुपए के घोटाले में आईसीआईसी बैंक की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है। सूत्रों ने बताया कि घोटाले का मामला उजागर होने के साथ ही मास्टरमाइंड राकेश यादव गायब हो गया है। बैंक की लापरवाही के कारण 2 दर्जन से अधिक ग्राहकों के आंखों से नींद गायब हो चुकी है रात दिन परेशान लोगों को सिर्फ अपने पैसे नजर आते हैं। इस संबंध में सामाजिक कार्यकर्ता संजय सिंह ने बताया कि आईसीआईसी बैंक में पदस्थ राकेश यादव ने ही हम सभी को गुमराह करते हुए करोड़ों रुपए के घोटाले को अंजाम दिया है। आज हर कोई अपना पैसा पाने के लिए बैंक और थाने के चक्कर लगाने को मजबूर हो गया है। उन्होंने कहा कि इस मामले में पुलिस को तत्परता के साथ कार्यवाही करनी चाहिए थी जो अफसोस अभी तक नजर नहीं आई है।
एफ आई आर कराने कंट्रोल रूम पहुंचे परेशान लोग
नामचीन आईसीआईसी बैंक की धोखाधड़ी सामने आने के उपरांत बैंक प्रबंधन पूरी तरह से बैकफुट पर चला गया है। लगातार बैंक धोखाधड़ी के खिलाफ आवाज बुलंद करने के बाद भी प्रथम दृष्टया एफ आई आर दर्ज नहीं करवा रहा है। शनिवार को बैंक धोखाधड़ी के शिकार ग्राहकों का समूह पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह से मुलाकात करने के लिए पुलिस कंट्रोल रूम सिविल लाइंस पहुंचा। पुलिस की बैठक होने के कारण परेशान लोगों को काफी समय तक कंट्रोल रूम में मुलाकात करने के लिए इंतजार करना पड़ा। पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह से मिलकर परेशान लोगों ने राकेश यादव सहित बैंक प्रबंधन के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराने की मांग उठाई है। इस मुलाकात के दौरान एसपी ने आश्वासन देते हुए कहा है कि आप घबराएं नहीं धोखाधड़ी करने वालों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जाएगा, बैंक से सभी को पैसे उपलब्ध कराए जाएंगे।
मीडिया का साथ लिया तो भटकते रह जाओगे?
मुंबई से आईसीआईसी बैंक में हुए धोखाधड़ी मामले की जांच करने के लिए आए अधिकारी से मुलाकात करने बाबत परेशान ग्राहकों का समूह शनिवार को बैंक पहुंचा। मुंबई या अफसर ने अपने अंदाज में कहा कि मामला करोड़ों रुपए का है हर एक पहलू पर बारीकी से काम करना पड़ता है। परेशान ग्राहकों को जांच दल ने कहा कि प्रक्रिया चल रही है इसके पूरा होने के उपरांत ग्राहकों को पैसा मिलने की उम्मीद है। बैंक ग्राहकों को समझाइश देते हुए मुंबई के अफसर ने कहा कि यदि मीडिया को इस मामले से दूर नहीं रखा गया तो लोगों के हाथ सिर्फ भटकना ही लगेगा। मुलाकात के लिए पहुंचे लोगों को जांच दल के अधिकारी ने धमकाते हुए कहा कि मीडिया का हस्तक्षेप यदि बंद नहीं हुआ तो परेशान लोगों को और भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।