मातमी पर्व मोहर्रम की तैयारियां शुरू
आगामी 20 अगस्त को मनाये जाने वाले पैगंबर ए हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत का पर्व मोहर्रम को लेकर रीठी में तैयारियां शुरू हो गई है। इमाम बाड़ों में ताजिया बनना भी शुरू हो चुका है। देखा गया कि वर्षों पुरानी परंपरा के अनुसार रीठी के सिंघैया मोहल्ला स्थित गफ्फार खान के बड़े इमाम बाड़ा में हिन्दू और मुस्लिम धर्म के लोग मिलकर ताजिये का निर्माण कर देश में हिन्दू-मुस्लिम कौमी एकता की अनूठी मिसाल पेश करते आ रहे हैं, जो आज भी कायम है।।
कई वर्ष पुरानी है बाबा की दरगाह-बताया गया कि रीठी नगर के सिंघैया मोहल्ला स्थित गफ्फार खांन के बड़े इमाम बाड़ा मे ताजिया शरीफ लगभग 104 वर्षों पहले से बनता चला आ रहा है। गफ्फार खांन ने बताया कि पहले मरहूम लल्लू खां के द्वारा ताजिया शरीफ बनाया जाता था और सवारी शेख याकूब खां की चलती थी, जो 60 वर्षों तक चली। इसके बाद से अब तक सभी मुस्लिम व हिन्दू भाइयों की मदद से ताजिया शरीफ बनाया जाता है और सवारी गफ्फार खांन, अजीज खांन पप्पू, और सगीर खांन की एकसाथ चलती है, जो सिंघैया बस्ती से चलकर नगर का सफर करती हुई कर्बला तक जाती है। बताया गया कि बाबा की दरगाह पर धर्म और मजहब की कोई दीवार नहीं होती यहां पर सभी कौम के लोग आपस मे मिलजुल कर बड़ी शिद्दत व श्रद्धा के साथ ताजिया शरीफ का निर्माण कर रहे हैं।
मुनीर चच्चा व झिरहाई अखाड़े में भी बन रहा ताजिया-बताया कि रीठी नगर में सिंघैया स्थित बड़ा इमाम बाड़ा सहित स्टेशन रोड स्थित मुनीर चच्चा के अखाड़े में व झिरहाई स्थित अखाड़े मे भी ताजिया शरीफ बनना शुरू हो गया है। साथ ही न्यू कालोनी खेल मैदान के समीप सलीम खान के इमाम बाड़ा में भी मातमी पर्व मोहर्रम को लेकर तैयारीयां शुरू कर दी गई है। मोहर्रम की सात तारीख मंगलवार की रात को रीठी के सभी इमाम बाड़ों में सवारी उठी जो बस्ती का गस्त करती हुई वापिस इमाम बाड़ा में ठंडी हुई।