सरपंच और सचिव के खिलाफ एसडीएम को सौंपा ज्ञापन

ग्राम पंचायत की मनमानी से परेशान ग्रामीण

मंडला दर्पण। मवई-जिले के मवई जनपद पंचायत के अंतर्गत ग्राम पंचायत अमवार जो कि यह मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का बॉर्डर है ! जनपद से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार का गढ़ बना अमवार पंचायत इस समय ग्रामीणों के आक्रोश और पंचायत सरपंच और सचिव वा रोजगार सहायक की मनमानी से त्रस्त हो चुकी है चारों ओर जंगल से घिरे हुए यह पंचायत 5 गांव को मिलाकर बैगा बाहुल्य पंचायतों में से एक है जहां सरपंच महेश धुर्वे सचिव मिहिलाल एवं रोजगार सहायक के द्वारा मासूम छोटे-छोटे बच्चों के नाम पर फर्जी मस्टररोल में हाजिरी भर कर राशि का आहरण किया गया है जिससे ग्रामीण एवं बैगा परिवारों के हक में डाका डालकर शासन की राशि से भ्रष्टाचार का खेल खेला जा रहा है जिसे अधिकारी एवं कर्मचारियों के द्वारा अनदेखी किया जा रहा है विगत दिनों ग्रामीणों के द्वारा कई मुद्दों को लेकर एसडीएम एवं जिला कलेक्टर मंडला के नाम शिकायत दर्ज कराई गई है।
सरकारी पैसों का आहरण कर दुरुपयोग करने का मामला- ग्राम पंचायत के अधीनस्थ प्रधानमंत्री आवास में फर्जी मस्टरोल भरकर मजदूरी की राशि निकाली गई है ग्राम पंचायत के पोषक ग्राम सुनहरा में स्कूल खेल मैदान का कार्य कराया गया है जिसमें लेबर मजदूरी का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
नाबालिक मासूम बच्चियों के नाम पर मास्टर भरकर राशि का आहरण- मेड बंधान कार्य अंतर्गत हितग्राही भोप सिह/धरमू, के मेड बंधान कार्य में नाबालिक संगीता पिता चमरू सिंह धुर्वे साधना पिता सुनउ मरावी के जाब कार्ड बनाकर राशि निकाली गई है ! 5/6 हितग्राहियों के मेड बंधान कार्यों में इन मासूमों के नाम हाजिरी भर कर राशि का आहरण किया गया है !
पंचायत में सामान्य सभा की बैठक नहीं होती- ग्रामीणों का कहना है कि सामान्य सभा की बैठक नहीं होती ग्राम सभा की बैठक भी नहीं होती जिससे ग्रामीणों को पंचायत की आय की जानकारी नहीं मिल पाती मांगने पर देने से साफ मना कर दिया जाता है ! स्वच्छ भारत अभियान के तहत नहीं बने शौचालय और राशि आहरण किया गया है लगभग 22 हितग्राहियों के नाम पर फर्जी बिल लगाकर 12/12 हजार रुपए की राशि का आहरण किया गया है जबकि उनका शौचालय बना ही नहीं है।
15 अगस्त और 26 जनवरी को खुलती है पंचायत- आपको बता दें कि पिछले 5 वर्षों में 1 दिन भी ऐसा नहीं है जिस दिन पंचायत खोला गया केवल 15 अगस्त और 26 जनवरी को पंचायत खुलती है बाकी समय पंचायत का संचालन सरपंच के घर पर ही किया जाता है आरोप है कि सरपंच के द्वारा बीसी का कार्य किया जाता है और पंचायत के कंप्यूटर एवं रखरखाव के सामग्री के जरिए अपने घर पर ही पंचायत का संचालन होता है ? जनपद के करीब होने के बावजूद भी अमवार पंचायत में सरपंच सचिव के द्वारा इस तरह का खेल खेला जाना जनपद के अधिकारियों को खुला चैलेंज करता है 8 किलोमीटर की दूरी होने के बावजूद अमवार में इस तरह की घटनाएं यह साफ जाहिर करती है के अधिकारियों के द्वारा पंचायतों पर किस तरह की निगरानी रखी जाती है ग्रामीणों में आक्रोश है और अभी अगर तत्काल इस विषय पर कार्यवाही नहीं होती तो बहुत जल्द ग्रामीणों के द्वारा जनपद को घेरे जाने की बात कही गई है ?