संपादकीय/लेख/आलेख
संभालो भगवन महामारी
संभालो भगवन महामारी
संभालो भगवन महामारी ,
दुखमय संसार ना होने दो।
दुखमय संसार ना होने दो,
ये हाहाकार ना होने दो।
हम बेबस है आज यहां पर ,
घर से भी निकलना पा रहे हैं।
महामारी से हार जंग कोई,
बिछड़ के अपने जा रहे हैं।
कोई तो रो रहा खोकरअपनों को,
अब कोई और ना रोने दो।
संभालो भगवन महामारी ,
दुखमय संसार ना होने दें।
जीवन सबका त्रस्त यहां ,
घर बैठ के समय को खो रहे हैं।
थम रहा सब कुछ तेरी धरा पर,
मायूस हम सब हो रहे हैं।
निभा दो आज वचन गीता वाला,
अब कोई देर ना होने दो।
संभालो भगवन महामारी,
दुखमय संसार ना होने दो।