बालाघाट दर्पणमध्य प्रदेश

10 हजार रूपये की रिश्वत लेते पटवारी ट्रेप, लोकायुक्त की कार्यवाही

बालाघाट। जमीन के फौती, नामांतरण के लिए 20 हजार रूपये की डिमांड रिश्वत में 10 हजार की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने बालाघाट तहसील कार्यालय में पदस्थ पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े को लोकायुक्त निरीक्षक स्वप्निल दास के साथ पहुंची 7 सदस्यीय टीम ने रंगेहाथ पकड़ा है। शिकायतकर्ता से पटवारी द्वारा 10 हजार रूपये की रिश्वत की पहली किश्त ली गई थी। जिसमें लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी पटवारी के खिलाफ मामला दर्ज कर मुचालके पर छोड़ दिया है।
28 जुलाई की दोपहर जैसे ही शिकायतकर्ता से पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े ने रिश्वत की 10 हजार रूपये की रकम ली, वैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे धर दबोचा। लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी के पहने पेंट के दाहिने जेब से रिश्वत की रकम बरामद की। पुलिस अब उसके साथ पटवारी के आर्थिक आमदानी की जांच करेगी। ताकि आय से अधिक संपत्ति तो नहीं है। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस आगे और अब शिकंजा कस सकती है, इससे सीधे जुड़े लोग भी जांच के दायरे में आ सकते है।
हालांकि पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े ने रिश्वत मांगने की बात को झुठलाया है, अब लोकायुक्त पुलिस यह पता करने का प्रयास कर रही है कि आखिर किसके कहने पर पटवारी ने रिश्वत मांगी थी? चूंकि फौती और नामांतरण का मामला तहसील न्यायालय से जुड़ा है और ऐसी चर्चा है कि वहां बिना चढ़ोत्तरी दिये कोई काम नहीं होता है, तो क्या तहसील कार्यालय में काम करवाने, किसी और के लिए पटवारी ने रिश्वत मांगी थी, क्योंकि पटवारी शैलेन्द्र को जानने वाले यह मानते है कि शैलेन्द्र, इतनी बड़ी रिश्वत की रकम नहीं मांग सकता है। बहरहाल जो भी लेकिन लोकायुक्त पुलिस ने शिकायतकर्ता की शिकायत पर पूरे सबूत के साथ पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े को 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा है।
फौती, नामांतरण करवाने मांगी थी 20 हजार रूपये की रिश्वत-लोकायुक्त पुलिस निरीक्षक स्वप्निल दास ने बताया कि जबलपुर निवासी अभय मेश्राम द्वारा 13 जुलाई को लोकायुक्त एसपी महोदय को एक शिकायत की गई थी। जिसमें शिकायतकर्ता अभय मेश्राम ने बताया था कि माता-पिता के निधन के बाद बालाघाट के मुख्यालय से लगे गायखुरी में उसकी जमीन की फौती और नामांतरण कराने के नाम पर पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े द्वारा 20 हजार रूपये रिश्वत की मांग की गई है। जिसके बाद मामले की जांच में यह बात सत्य पाये जाने पर पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देश पर गठित टीम द्वारा 28 जुलाई को, शिकायतकर्ता को तहसील कार्यालय में पटवारी के पास रिश्वत की 10 हजार रूपये की रकम के साथ भिजवाया गया। जिस नोट पर पहले से ही लोकायुक्त पुलिस ने कलर लगा दिया था। जैसे ही तहसील कार्यालय में पटवारी कक्ष में शिकायतकर्ता जबलपुर निवासी अभय मेश्राम ने पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े को रिश्वत की पहली किश्त दी, वैसे ही रिश्वत की रकम के साथ पटवारी को लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया। जिसके खिलाफ जीरो मंे कायमी की गई है। बताया जाता है कि लोकायुक्त टीम ने रिश्वत लेते पकड़ाये पटवारी के घर की भी तलाशी ली, हालांकि यहां से आय से अधिक संपत्ति का कोई जानकारी नहीं मिली है। बहरहाल लोकायुक्त पुलिस ने कार्यवाही कर मुचलके पर पटवारी को जमानत दे दी है।
ये रहे शामिल-पटवारी शैलेन्द्र हरिनखेड़े को 10 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार करने में लोकायुक्त एसपी के मार्गदर्शन और निर्देशन में निरीक्षक अश्विनी दास, निरीक्षक घनश्याम मर्सकोले, राजेश ओहरिया, आरक्षक अतुल श्रीवास्तव, जुबेद खान, विजय विष्ट और वाहन चालक राकेश विश्वकर्मा की सराहनीय भूमिका रही।

इनका कहना है
जबलपुर निवासी अभय मेश्राम ने गत 13 जुलाई को लोकायुक्त एसपी महोदय को बालाघाट के गायखुरी स्थित जमीन के फौती और नामांतरण को लेकर पटवारी द्वारा 20 हजार रूपये रिश्वत मांगे जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद एसपी महोदय द्वारा टीम गठित की गई। जिस टीम द्वारा आज बालाघाट तहसील कार्यालय में शिकायतकर्ता को पटवारी द्वारा रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार रूपये लेकर बुलवाया गया था। जैसे ही शिकायकर्ता ने रकम पटवारी को दी, लोकायुक्त टीम ने दबिश देकर पटवारी को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा है। मामले में जीरो पर कायमी की गई है। मामले की विवेचना की जा रही है।
अश्विनी दास, निरीक्षक, जबलपुर लोकायुक्त

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