खेल दर्पण

जापान की दीवार के सामने बेबस दिखी भारतीय हॉकी टीम

चेन्नई। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के अपने पहले मैच में चीन के खिलाफ 7 गोल दागे थे। टीम को मिली जीत में 6 गोल पेनल्टी कॉर्नर पर आए। भारत के उपकप्तान हार्दिक सिंह ने कहा है कि पेनल्टी कॉर्नर मेजबान टीम की ताकत है और एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी में वे इसका पूरा इस्तेमाल करेंगे। लेकिन टूर्नामेंट के दूसरे ही मुकाबले में कहानी पूरी तरह पलट गई।

भारतीय टीम के सामने दूसरे मुकाबले में जापान की चुनौती थी। इस मैच में भारत को 15 पेनल्टी कॉर्नर मिले। इसमें टीम सिर्फ एक पर ही गोल कर पाई। 43वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी पर भारत के लिए मुकाबले का एकमात्र गोल किया। भारत ने अपने 10वें पेनल्टी कॉर्नर पर गोल किया था। जापान को दो ही पेनल्टी कॉर्नर मिले और उसने एक पर गोल कर दिया।इसकी वजह से भारतीय टीम जापान के खिलाफ मुकाबला 1-1 से ड्रॉ करवाने में सफल रही।जापान की टीम पेनल्टी कॉर्नर के खिलाफ काफी मजबूत है। रायकी फुजीशिमा और शोता यामादा ने अपने शरीर की परवाह किए बिना मास्टरक्लास पेश किया। इन दोनों ने भारत के ड्रैग फ्लिकर्स को परेशान करके रख दिया। मैच के बाद भारतीय कोच क्रेग फुल्टन ने कहा- उन्होंने उस क्षेत्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, उन्होंने विश्व कप में भी ऐसा किया, इसलिए ऐसा नहीं है कि यह आज ही हुआ।

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